एफबी ने अपनी वापसी के लिए सेंसरशिप टूल तैयार किया है। अभी अौपचारिक घोषणा नहीं हुई।
न्यूयार्क. फेसबुक साल 2009 से चीन में प्रतिबंधित है। अब एफबी ने अपनी वापसी के लिए सेंसरशिप टूल तैयार किया है। इसके जरिये सिस्टम पोस्ट को फिल्टर करेगा। इसके बाद ही यूजर्स की पोस्ट अपलोड हो पाएगी। इस टूल को लेकर विरोध भी शुरू हो गया है।
हालांकि कंपनी ने अभी इस बाबत औपचारिक घोषणा नहीं की है। द न्यूयार्क टाइम्स ने फेसबुक के तीन पूर्व और मौजूदा कर्मचारियों के हवाले से कहा कि यह टूल विभिन्न स्थानों पर सोशल नेटवर्क पर आने वाले न्यूज फीड को फिल्टर करेगा। इन कर्मचारियों ने पहचान न उजागर करने का अनुरोध किया था। उधर, एएफपी की ओर से ईमेल के जरिए पूछे गए सवाल के जवाब में फेसबुक की प्रवक्ता ने कहा कि हम लंबे समय से कहते आए हैं कि हम चीन में दिलचस्पी रखते हैं । इस देश के बारे में समझने एवं सीखने में समय बिता रहे हैं। बता दें कि फेसबुक के सह-संस्थापक मार्क जकरबर्ग ने पोस्ट सेंसर करने के लिए टूल तैयार करने के प्रयास का समर्थन किया है।
चीन में बढ़ी दिलचस्पी
चीन एक बड़ा बाजार है। लिहाजा कंपनी चीन में रोक के बावजूद वापसी करने के जतन कर रही है। इसी कवायद में जकरबर्ग ने कई साल तक मंदारिन सीखी है। चीनी नेताओं से मुलाकात की। चीन की यात्रा भी की है। हाल में भारत दौरे के दौरान भी मार्क जगरबर्ग ने कहा था कि चीन भी भारत की तरह बड़ा बाजार है। उन्होंने कहा था कि यदि चीनी सरकार नियमों ढिलाई बरतती है तो वो वहां के कानून के हिसाब से एफबी का संचालन कर सकते हैं।
क्यों है सेंसरशिप
चीन में केवल सरकारी मीडिया है। वहां सरकारी सोशल मीडिया नेटवर्किंग साइट है। गूगल से लेकर फेसबुक तक सभी पर सरकारी रोक है। दरअसल, अभिव्यक्ति की आजादी केवल उतनी ही जितनी सरकार का ध्यान रखे। सरकार व चीन विरोध बातों पर कड़ी कार्रवाई होती है। फेसुबक पर इसी कारण बैन लगाया था। उस वक्त चीनी यूजर्स अपनी सरकार के खिलाफ लगातार फेसबुक पर लिख रहे थे। बहरहाल अब दावा है कि फेसबुक के नए टूल से सरकार विरोधी पोस्ट फिल्टर हो जाएंगे।