मलेशिया सरकार ने कहा कि अफ्रीकी देश तंजानिया में मिला मलबा 30 महीने पहले लापता हुए उनके प्लेन (MH-370) का है
बैंकाक। मलेशिया सरकार ने कहा कि अफ्रीकी देश तंजानिया में मिला मलबा 30 महीने पहले लापता हुए उनके प्लेन (MH-370) का है। यह एयरक्राफ्ट 8 मार्च 2014 को कुआलालम्पुर से बीजिंग जाते वक्त लापता हो गया था। इस हादसे में क्रू मेंबर समेत 239 पैसेंजर्स की मौत हो गई थी। जून में तंजानिया के पेम्बा पार्क इलाके में एक एयरक्राफ्ट का मलबा मिला था। तीन महीने की जांच के बाद सर्च ऑपरेशन में लगे अधिकारियों ने यह सूनिश्चित किया है कि ये मलबा MH-370 का ही है। सर्च ऑपरेशन पर करीब 912 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।
एफे न्यूज की रिपोर्ट में बताया गया कि अमरीकी शौकिया खोजकर्ता स्लूथ ब्लाइन गिब्सन ने इस मलबे के पांच टुकड़ों को कैनबरा में सोमवार को ऑस्ट्रेलियन ट्रांसपोर्ट सेफ्टी ब्यूरो (ATSB) के हवाले कर दिया गया। गिब्सन ने ही इससे पहले 27 संदिग्ध मलबों को एकत्र किया था जिसमें से जांचकर्ताओं ने 13 के MH-370 का मलबा होने की पुष्टि की थी। इनमें से दो मलबों पर झुलसने के निशान थे।
गिब्सन ने बताया, अगर इन मलबों की MH-370 का होने की पुष्टि होती है और यह पाया जाता है कि विमान के गिरने से पहले आग लगी थी। तो इससे विमान दुर्घटना की गुत्थी सुलझाने में काफी मदद मिलेगी और इसके पीछे के असली कारण का पता चलेगा। यह मलबा अफ्रीका के दक्षिण पूर्वीय तट पर स्थित द्वीपीय देश मेडागास्कर में मिला है, जहां से इससे पहले भी MH-370 के कई मलबे बरामद हुए हैं।
सर्च पर खर्च हो चुके हैं करीब 912 करोड़ रुपए
मलेशिया ने दो महीने पहले चीन और ऑस्ट्रेलिया के साथ एक बयान जारी करते हुए कहा था कि प्लेन का सर्च ऑपरेशन बंद किया जा रहा है। मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया और चीन ने 120,0000 स्क्वेयर किमीं में तलाश पूरी करने के बाद सर्च को रोकने का फैसला किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सर्च ऑपरेशन पर करीब 137 मिलियन डॉलर (912 करोड़ रुपए) खर्च हो चुके हैं।