नई दिल्ली। भारत की ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) दक्षिण चीन सागर में हाइड्रोकार्बन नहीं मिलने के बावजूद भी वहां डटी रहेगी। फिलहाल वियतनाम सरकार ने ओवीएल को गहरे समुद्री ब्लॉक 128 में खोज करने के लिए एक और विस्तार दे दिया है।
वियतनाम द्वारा ब्लॉक 128 में ओएनसीजी को मिलने वाला यह चौथा विस्तार होगा और इसकी अवधि अगले वर्ष 27 जून को समाप्त होगी। इससे पहले वियतनाम द्वारा ओवीएल को खोज करने के लिए एक और ब्लॉक का आवंटन किया गया था। उम्मीद के मुताबिक भारत ने इसी साल के आरंभ में दक्षिण चीन सागर में अपनी उपस्थिति बनाए रखने के लिए वियतनाम से ओवीएल के लिए विस्तार की मांग की थी।
वहीं अतीत में चीन लगातार इस क्षेत्र में खोज संबंधी गतिविधियों का कड़ा विरोध करता हुआ आया है। चीन का मानना है कि भारत को वियतनाम की जगह चीन से हाथ मिलाना चाहिए। चीन ने खुद अपने वाणिज्यिक और सैन्य गतिविधियों का उपयोग करने के लिए विवादित गिलगित बाल्टिस्तान का प्रयोग कर रहा जो चीन-पाकिस्तान आर्थिक कोरिडोर से संबंधित हैं, जबकि भारत इस क्षेत्र को हमेशा से अपना मानता है।
Home / world / Miscellenous World / दक्षिणी चीन सागर में डटी रहेगी भारत की यह कंपनी