पोप का आग्रह, गर्भपात कराने वाली महिलाओं को माफ करें
रोमन
कैथोलिक ईसाइयों के सर्वोच्च धर्मगुरू पोप फ्रांसिस ने मंगलवार को कहा कि गर्भपात
कराने वाली महिलाओं को माफ किया जाए
वैटिकन सिटी। रोमन कैथोलिक ईसाइयों के सर्वोच्च धर्मगुरू पोप फ्रांसिस ने मंगलवार को कहा कि गर्भपात कराने वाली महिलाओं को माफ किया जाना चाहिए। चर्च गर्भपात को पाप मानता है। सीएनएन ने बताया कि अब गर्भपात कराने वाली महिलाएं और इस काम में उनकी मदद करने वाले इसे स्वीकार कर लें तो उन्हें माफ किया जा सकता है। लेकिन, यह बदलाव हमेशा के लिए नहीं है। यह सिर्फ 8 दिसंबर 2015 से शुरू होकर 20 नवंबर 2016 तक चलने वाले ईसाई समुदाय के पवित्र साल में ही लागू होगा।
अभी गर्भपात कराने वाली महिला खुद-ब-खुद कैथोलिक चर्च द्वारा बहिष्कृत कर दी जाती है। उस पर लगी पाबंदी तभी हटती है जब कोई बिशप इसकी अनुमति देता है। वैटिकन ने एक बयान में कहा है, “गर्भपात के गुनाह को माफ करने का अर्थ गर्भपात का समर्थन करना या इसके गंभीर नतीजों को कम करके आंकना नहीं है।” पोप ने कहा, “कई महिलाओं को लगता है कि उनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं था।”
पोप ने मंगलवार को कहा, “मैं उस दबाव को महसूस कर सकता हूं जो महिलाओं को यह फैसला लेने पर मजबूर करता है।” पोप ने कहा, “मैंने तय किया है, जब तक कि इसके उलट कुछ न हो, कि जुबली साल में सभी पादरियों को यह छूट दी जाए कि वे पश्चाताप से भरे दिल से माफी मांगने की हालत में गर्भपात कराने वाली महिलाओं को पापमुक्त कर दें।” कैथोलिक चर्च का मानना है कि गर्भपात का पाप एक “नैतिक बुराई” है।
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