scriptमानवीय गतिविधियों और ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ रहे हैं शार्क के हमले | Shark Attack are growing due to Human activities and global warming | Patrika News

मानवीय गतिविधियों और ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ रहे हैं शार्क के हमले

Published: Oct 25, 2016 05:41:00 am

वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन के दौरान यह पाया है कि समुद्र किनारे बढ़ रही मानवीय गतिविधियों (स्कूबा डाइविंग) और पयर्टन गतिविधियों के चलते दुनिया भर में शार्क के हमलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।

greenland shark

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मेलबॉर्न। वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन के दौरान यह पाया है कि समुद्र किनारे बढ़ रही मानवीय गतिविधियों (स्कूबा डाइविंग) और पयर्टन गतिविधियों के चलते दुनिया भर में शार्क के हमलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। यह नतीजा ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड स्थित बॉन्ड यूनवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने प्राणियों के पर्यावास में मनुष्य के बढ़ते हस्तक्षेप और ग्लोबल वार्मिंग विषय पर आयोजि एक अध्ययन के दौरान सामने आया है। यह अध्ययन डॉ. ब्लैक चैपमैन और डॉ. डेरिल मैक्फी ने मिलकर आयोजित किया।

11 फीसदी की बढ़ोतरी
पिछले कुछ वर्षों के दौरान शार्क के हमलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पिछले साल शार्क ने 98 हमले समुद्र के किनारे पहुंचे सैलानियों पर किए। यह शार्क द्वारा 2000 के दशक में 88 हमलों के मुकाबले करीब 11 फीसदी ज्यादा था। जबकि 1990 के दशक की तुलना में 2000 के दशक में शार्क हमलों में 69 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी।

यहां सबसे ज्यादा हमले
शार्क ने पिछले साल कुल हमलों का 84 फीसदी अमरीका, दक्षिणी अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, बहामास और रियूनियन आइलैंड में ही किए। इनमें से आधे से ज्यादा हमले अमरीका और फ्लोरिडा में किए।

समुद्रीय तट पर बढ़ती गतिविधि जिम्मेदार
 डॉ. ब्लैक चैपमैन और डॉ. डेरिल मैक्फी ने अपने अध्ययन के दौरान यह पाया कि पर्यावरण प्रदूषण और समुद्री तटों पर बढ़ती गतिविधियों के वजह से शार्क के व्यवहार में बदलाव दर्ज किया जा रहा है। उनका कहना है कि पर्यावरण परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग का हमारे ऊपर नकारात्मक असर पड़ रहा है।

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