मई 2016 में मुल्ला अख्तर मसूर की ड्रोन हमले में मौत के बाद दोनों पक्षों की बातचीत टूट गई थी
काबुल। अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच एक बार फिर से शांति वार्ता शुरु हो गई है। करीब पांच महीने के बाद दोनों के बीच दोहा में दो दौर की बातचीत हो चुकी है। खास बात यह है कि इस बातचीत से पाकिस्तान को दूर रखा गया है।
बता दें कि मई 2016 में मुल्ला अख्तर मसूर की ड्रोन हमले में मौत के बाद दोनों पक्षों की बातचीत टूट गई थी। इसके बाद तालिबान सरकार से सीधे बात करने पर अड़ा था। ऐसे में यूएस ऑफिशियल की मदद से दोनों के बीच बातचीत का यह दौर शुरु हो पाया है। इस मीटिंग में अमरीकन डिप्लोमैट, पूर्व तालिबान चीफ मुल्ला उमर का भाई मुल्ला अब्दुल मन्नान और अफगानिस्तान के प्रतिनिधि शालि हुए।
इस मीटिंग से पाकिस्तान को दूर रखा गया क्योंकि पिछले कुछ सालों से अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच रिलेशन अच्छे नहीं रहे हैं। दरअसल, पाकिस्तान नहीं चाहता कि भारत अफगानिस्तान में कोई भूमिका निभा, लेकिन अफगानिस्तान को पाकिस्तान की कोई शर्त मंजूर नहीं है। अफगानिस्तान पाकिस्तान पर आतंकियों को मदद देने का आरोप लगाता रहा है। इसके अलावा कई मामले ऐसे हैं जिसकी वजह से पाकिस्तान को बातचीत से दूर रखा गया है।