डॉ. भीमराव अम्बेडकर विचार मंच की ओर से संविधान दिवस पर गुरुवार शाम को राजकीय जनजाति आवासीय विद्यालय में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में वक्ताओं ने संविधान की रचना एवं वर्तमान में प्रासंगिकता पर अपने विचार व्यक्त किए।
डॉ. भीमराव अम्बेडकर विचार मंच की ओर से संविधान दिवस पर गुरुवार शाम को राजकीय जनजाति आवासीय विद्यालय में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में वक्ताओं ने संविधान की रचना एवं वर्तमान में प्रासंगिकता पर अपने विचार व्यक्त किए।
संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे पुलिस अधीक्षक कालूराम रावत ने संविधान के मूल्यों को आत्मसात कर देश की प्रगति में भागीदार बनने का आह्वान किया। उन्होंने संविधान को एकता, प्रगति व अखंडता का आधार बताते हुए कहा कि संविधान अनेकता में एकता का भाव जगाता है।
मानवता का पाठ पढ़ाता है और बंधुत्व की भावना लाता है। तहसीलदार विनोद मल्होत्रा ने संविधान को वर्तमान की रामायण, कुरान बताते हुए न्याय व बंधुत्व के बल पर कर्तव्य निष्ठा से देश की प्रगति में योगदान पर बल दिया।
प्रो. मोहनलाल मेघवाल ने राष्ट्र धर्म पर बल देते हुए देश की प्रगति व उत्थान के लिए संविधान की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया।
यहां आयोजित संगोष्ठी में उप जिला शिक्षा अधिकारी भैरुलाल मीणा, लोक अभियोजक तरुण दास वैरागी, प्राचार्य रामलाल मीणा, खानशेद खान, मनोज ने भी विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम के शुरू में आवासीय विद्यालय के प्रधानाचार्य शिवनारायण चंघानिया ने सभी का स्वागत किया।संयोजक धनराज मीणा व नाथूलाल मीणा ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का कवि सुरेन्द्र सुमन ने संगोष्ठी का संचालन किया।