scriptWorld Book Day: मोबाइल ने दी युवाओं को एक नई किताबी दुनिया | World Book Day: Mobile creates offers more flexibility to book lovers | Patrika News

World Book Day: मोबाइल ने दी युवाओं को एक नई किताबी दुनिया

Published: Apr 23, 2015 09:37:00 am

World Book Day विशेषः भारत
समेत 7 देशों के सर्वे के बाद तैयार यूनेस्को की रिपोर्ट बताती है कि मोबाइल पढ़ने
का भी माध्यम बन गया है

book demo pic

book demo pic

इंसान की बेस्ट फ्रैंड कही जाने वाली किताबों से हम दूर होते जा रहे हैं। वजह-भागदौड़ भरी जिंदगी, बढ़ती महंगाई व मोबाइल पर बढ़ती चैटिंग। लेकिन भारत समेत 7 देशों के सर्वे के बाद तैयार यूनेस्को की रिपोर्ट बताती है कि मोबाइल पढ़ने का भी माध्यम बन गया है। आज जबकि पूरी दुनिया World Book Day मना रही है, आइए जानते हैं इससे जुड़े कुछ इंटेरेस्टिंग फैक्ट्सः

यूनेस्को की पहल
भारत, पाकिस्तान, इथियोपिया, घाना, केन्या, नाइजीरिया व जिम्बाब्वे के करीब 4000 लोगों के बीच कराए गए सर्वे के बाद यूनेस्को ने माना कि अशिक्षा दूर करने के लिए मोबाइल फोन एक अचूक हथियार बन सकता है।

1500 भारतीय
औसतन प्रतिदिन जुड़ रहे हैं ई-बुक रीडिंग से

25 फीसदी से ज्यादा
ई-बुक रीडर होंगे भारत में आगामी 4-5 साल में। यूरोपीय देश हमसे काफी आगे

मोबाइल फोन हर जगह
700 करोड़ से ज्यादा दुनिया की आबादी

21.30 करोड़ मोबाइल इंटरनेट उपभोक्ता हैं भारत में
95 फीसदी लोगों तक है इंटरनेट नेटवर्क की पहुंच

अशिक्षा
77.4 करोड़ लोग लिख-पढ़ नहीं पाते विश्व में
12.3 करोड़ की उम्र तो 15 से 24 साल के बीच की

अमीर-गरीब का फर्क
01 किताब उपलब्ध है गरीब देशों के 300 बच्चों (औसतन) को
01 भी किताब नहीं है कई अफ्रीकी देशों के बच्चों के पास
35 फीसदी भारतीय छूट मिलने पर ई-बुक खरीदना पसंद करते हैं
2-5 फीसदी है भारतीय बाजार में ई-बुक की बिक्री

रोमांस का बोलबाला
19 रोमांटिक किताबें हैं शामिल हैं टॉप-40 ई-बुक्स में। यही नहीं सबसे ज्यादा 17 फीसदी लोगों ने वल्र्डरीडर की वेबसाइट के जरिए रोमांटिक विषय को पसंदीदा बताया।

भारतीय लेखक अव्वल
भारत के युवा लेखक रविंदर सिंह की किताब “कैन लव हैपन्स ट्वाइस” को मोबाइल रीडर्स ने ज्यादा पसंद किया। इसके बाद मिल्स एंड बून की “प्रिंस ऑफ रॉयल ड्यूटी” और “बाइबल” को लोगों ने ज्यादा पढ़ा।

अफ्रीका पहुंची लाखों किताबें
वेबसाइट वर्ल्डरीडर डॉट ओआरजी ने 10 हजार किंडल्स के जरिए 50 लाख से ज्यादा ई-बुक्स अफ्रीकी बच्चों को मुहैया कराई हैं।

ई-बुक सस्ता माध्यम
3 सेंट (करीब 2 रू) में पढ़ सकते हैं हजार पन्नों की ई-बुक
15 डॉलर (हजार रू) तक की पड़ती है किताब

महिलाएं रहीं आगे
207 मिनट प्रति महीने पढ़ती हैं महिलाएं
33 मिनट प्रति महीने पढ़ते हैं पुरूष
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो