उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि हमारे देश में नदियां आस्था का विषय हैं और गंगा और गोमती समेत सभी नदियों को निर्मल बनाने की जरुरत है। नाईक ने गुरूवार को संस्कृत विद्यापीठ प्रागंण में आयोजित प्रथम गोमती उत्सव का विधिवत उद्घाटन किया।
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि हमारे देश में नदियां आस्था का विषय हैं और गंगा और गोमती समेत सभी नदियों को निर्मल बनाने की जरुरत है।
नाईक ने गुरूवार को संस्कृत विद्यापीठ प्रागंण में आयोजित प्रथम गोमती उत्सव का विधिवत उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने सभी को दीपावली की अग्रिम बधाई देते हुए कहा कि हमारे देश में नदियाँ आस्था का विषय हैं। गंगा और गोमती को साथ लेकर चलें।
उन्होंने कहा कि देश की सभी नदियों को निर्मल बनाने के लिए जनजागरण की जरूरत है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि गंगा महोत्सव काफी दिनों से आयोजित किया जा रहा है, ऐसे में गोमती उत्सव का आयोजन प्रसंशनीय है।
गोमती उत्सव अपने सांस्कृतिक इतिहास के साथ शानदार उत्सव के रूप में याद किया जाए, इसका भी प्रयास किया जाना चाहिए। इस अवसर पर पद्मभूषण गोपाल दास नीरज, डा0 उदय प्रताप सिंह, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
गोमती उत्सव का आयोजन गोमती नदी को स्वच्छ एवं निर्मल बनाए जाने तथा जनभागीदारी सुनिश्चित करने की दृष्टि से रामकृष्ण यादव, कवि एवं पत्रकार सर्वेश अस्थाना और उनके सहयोगियों के प्रयासों से किया गया।
राज्यपाल ने इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों को गोमती नदी को निर्मल बनाने के लिए शपथ भी दिलाई। कार्यक्रम में प्रख्यात भोजपुरी गायक एवं सांसद मनोज तिवारी ने भी अपनी प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में अस्थाना ने गोमती उत्सव के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी तथा आयोजक रामकृष्ण यादव ने स्वागत उद्बोधन दिया।
इस अवसर पर नाईक ने शिक्षा, चिकित्सा, कला, खेल तथा समाज सेवा से जुड़े लोगों को शॉल, प्रशस्ति पत्र और पुष्प गुच्छ देकर गोमती गौरव सम्मान से अलंकृत किया।