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क्यों नहीं खरीदना चाहिए सस्ता स्मार्टफोन, ये हैं पांच कारण

सस्ता का मतलब हमेशा अच्छा नहीं होता, इसलिए सस्ता स्मार्टफोन लेना महंगा पड़ सकता है

May 02, 2016 / 01:29 pm

Anil Kumar

Cheap smartphone

Cheap smartphone

नई दिल्ली। आज कल मार्केट में एक से बढ़कर एक सस्ते स्मार्टफोन आ रहे हैं। बेहद सस्ती कीमत में Smartphone उपलब्ध करवाने वाली कपंनियों में चाइनीज ही नहीं बल्कि अब भारतीय कंपनियां शामिल हो चुकी है। गौरतलब है कि कुछ महीनों पहले नोएडा की रिंगिंग बेल्स कंपनी ने मात्र 251 रूपए में Freedom 251 स्मार्टफोन देने का दावा किया था जो फर्जीवाड़ा निकला और कई ग्राहकों के पैसे हड़प लिए गए। इसके बाद अब जयपुर की स्मार्टफोन स्टार्टअप कंपनी डोकोज मल्टीमीडिया प्राइवेट लिमिटेड ने महज 888 रूपए में Docoss X1 स्मार्टफोन देने वाला दावा किया है। ऐसे में ग्राहक यह सोचने से पहले ही बेहद सस्ती कीमत में मिलने वाले स्मार्टफोन को खरीदने की होड़ में लग जाते हैं कि क्या वो हैंडसेट उनकी जरूरत की कसौटी पर खरा उतरेगा। कभी कभार सस्ता स्मार्टफोन लेना महंगा भी पड़ सकता है। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं वो पांच कारण जिनकी वजह से सस्ता स्मार्टफोन खरीदने से बचना चाहिए…

1. फर्जीवाड़े की ज्यादा गुजांइश
मार्केट में जिस कीमत में एक स्मार्टफोन की बैट्री अथवा मेमीरी कार्ड लेना मुश्किल होता है उस कीमत में एक स्मार्टफोन का मिलना एक चौंकाने वाली बात होती है। इससे पहले आप यह भी अंदाजा लगा सकते हैं कि इतनी बेहद सस्ती कीमत पर मिलने वाले स्मार्टफोन की क्वालिटी कैसी होगी? ऐसे में कम कीमत में लालच में सस्ते स्मार्टफोन को खरीदना पैसे की बर्बादी ही होगी।

2. दिए जाते हैं कमजोर सॉफ्टवेयर
किसी भी स्मार्टफोन या गैजेट में दिया गया साफ्टवेयर उसमें प्रमुख भूमिका निभाता है। यदि आपके स्मार्टफोन में कमजोर साफ्टवेयर हुआ तो उसें हैक करने और उसमें से डेटा चुराना बहुत ही आसान हो जाता है। इसके अलावा सॉफ्टवेयर पैच अपडेट करवाना भी कठिन हो जाता है। इतना ही नहीं बल्कि कैमरा क्वालिटी जैसी भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।


3. दिए जाते हैं पुराने और सस्ते हार्डवेयर
सस्ते स्मार्टफोन वाली कंपनियां अपने फोन में घटिया और बेहद कम कीमत वाले हार्डवेयर का इस्तेमाल करती हैं. इतना ही नहीं इनके कई पार्ट आउटडेटेड होते हैं जो बाद में मिलना मुश्किल होता है. इसलिए बेहद सस्ते फोन के चक्कर में फंसकर फोन की क्वालिटी के साथ समझौता करना फायदा का सौदा नहीं है.

4. सर्विस सेंटर नहीं मिलते
यदि आप ब्रैंडेड कंपनी का स्मार्टफोन खरीदते है तो उस पर कम से कम 1 साल की वॉरंटी दी जाती है। इसके अलावा उस कंपनी के सर्विस सेंटर भी आसानी मिल जाते हैं जिससें फोन में कोई भी समस्या आने पर उसें ठीक करवाना आसान होता है। लेकिन सस्ते स्मार्टफोन में कोई वॉरंटी नहीं दी जाती और यदि दी भी जाती है तो उसके सर्विस सेंटर नहीं मिलते।

5. फीचर्स और सॉफ्टवेयर का नया अपडेट नहीं मिलता
किसी भी स्मार्टफोन को लगातार बिना किसी परेशानी के चलाने के लिए समय-समय पर उसके फीचर्स और साफ्टवेयर अपडेट करवाने होते हैं। ब्रैंडेड कंपनियां अपने हैंडसेट्स के लिए ये अपडेट समय-समय पर जारी करती रहती है। लेकिन सस्ता स्मार्टफोन खरीदने के बाद आप उसके लिए तरह का किसी अपडेट के बारे में तो भूल ही जाइए।

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