मुरादाबाद। रामपुर में प्रदेश की कई योजनाओं का लोकार्पण करने पहुंचे सीएम अखिलेश एक बार फिर से शनिवार को चर्चाओं में आ गए। क्योंकि मुरादाबाद में हवाई पट्टी से उतरकर उनको रामपुर जाना था लेकिन अंतिम समय पर अपना सभा कैंसिल कर दिया। दरअसल उनकी मुरादाबाद में तीन जगह पर सभा होनी थी जो अंतिम समय में कैंसिल कर दी गई।
वहीं शनिवार को चर्चाओं में रहने के कई और कारण भी रहें। कार्यक्रम के दौरान वहां लगे पोस्टरों पर अखिलेश, मुलायम व यहां तक की रामगोपाल यादव भी दिखे लेकिन प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव गायब रहे। इस बीच अखिलेश यादव की समाजवादी विकास रथ भी चर्चाओं में बनी रही। क्योंकि इस रथ की कीमत 6 करोड़ रुपए हैं। अखिलेश यादव ने 15 किलोमीटर जाने के लिए अपनी समाजवादी विकास रथ का ही उपयोग किया। इसमें आधुनिक संसाधनों के साथ कई तरह की विशिष्ट सुविधाएं भी मौजूद हैं। लखनऊ से तीन नवंबर को निकली यह समाजवादी विकास रथ शनिवार को मुरादाबाद पहुंची।
शनिवार के रोड शो के दौरान ये बात तो साफ हो गया है कि 2012 के बाद समाजवादी पार्टी को दोबारा सत्ता में लाने के लिए खुद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कमर कस ली है। चूंकि उन्हें केवल रामपुर में दो सौ करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण करने आना था। लेकिन, उन्होंने मुरादाबाद से रामपुर के बीच अपना करोड़ों की समाजवादी विकास रथ दौड़कर जता दिया कि उनका ध्यान कहां है। रोड शो के माध्यम से अखिलेश सीधे जनता से रूबरू भले ही नहीं हुए हों लेकिन उन्होंने रथ से ही हाथ हिलाकर लोगों को अभिवादन किया।
ये समाजवादी विकास रथ उस वक्त चर्चा में आया था, जब इसकी कीमत का खुलासा हुआ था। वहीं पहले दिन भले ही तकनीकी खामी से अखिलेश के रथ का पहिया थम गया हो लेकिन शनिवार को एक बार फिर अखिलेश ने इसमें सवार होकर महज पन्द्रह से सोलह किलोमीटर का ही सफर किया।
दरअसल ये इसलिए भी चर्चा का कारण बना कि समाजवादी विचारधारा में इस तरह के खर्च को लेकर सवाल उठते रहे हैं लेकिन अब खुद अखिलेश ने अपने लिए समाजवाद की नयी परिभाषा लिख रहे हैं। जो इनके इस विकास रथ में झलक रहा है। कुनबे में उपजे विवाद के बाद अब अखिलेश खुलकर अपनी बात रखने के साथ फैसले भी ले रहे हैं। तभी अचानक कार्यक्रम में बदलाव कर विकास रथ से रामपुर जाने का कार्यक्रम रखा गया।