scriptहाल-ए-बेरोजगारी: अब इंजीनियर और एमबीए पास संभालेंगे झाड़ू | Now Engineer and MBA will form Sweeper | Patrika News

हाल-ए-बेरोजगारी: अब इंजीनियर और एमबीए पास संभालेंगे झाड़ू

locationमुरादाबादPublished: Sep 04, 2016 03:06:00 pm

Submitted by:

lokesh verma

स्वीपर के लिए आवेदन करने वालोंमें इंजिनियर, एमबीए व पोस्ट ग्रेजुएट भी शामिल

unemployment in UP

unemployment in UP

मुरादाबाद। किसी ने क्या खूब लिखा है… न पढ़ते तो खाते सौतरह कमाकर, हो गए बर्बाद हम तोतालीम पाकर। न जंगल के रेहडचलाने के काबिल, न बाजार में बोझाढोने के काबिल॥ ये लाइनें हाल एबरोजगारी का दर्द यूं ही बयां नहीं कर रहीं, बल्कि हकीकत भी यही है की अब प्रदेश औरदेश में एक बहुत बड़ा वो वर्ग जो उच्च शिक्षा प्राप्त कर चूका है, लेकिन करने के लिएकोई काम ही नहीं है। चूंकि खुद और परिवार का पेट पालने की मजबूरी है ऐसे मेंशैक्षिक योग्यता के साथ भी युवा समझौता करने को मजबूर है।

कुछ यही हाल इन दिनोंमुरादाबाद नगर निगम में देखने को मिल रहा है यहां एक हजार से अधिक पदों पर सफाईकर्मचारियों की भर्ती निकली हुई है। उसके मुकाबले यहां 49,000 हजार आवेदन पहुंचे हैं। हैरानी की बात ये है की पद की योग्यता महज दसवीं पास है, लेकिन आवेदन करने वालोंमें इंजिनियर, एमबीए व पोस्ट ग्रेजुएट भी शामिल हैं। जिन्हें देखकर निगम कर्मचारीभी हैरान हैं।
अब एमबीए औरइंजिनियर आपको आपके मोहल्लों की सफाई करते नजर आऐंगे! अब पोस्ट ग्रेजुएट और 98 प्रतिशत अंक पाने वालों के हाथों में झाड़ू नजर आएगी। सुनने में येथोडा अजीब लगे, लेकिन ये बिल्कुल सच है। दरअसल नगर निगम में सफाई कर्मचारियों की 1082 पदों की भर्ती निकली है। जिसमें जो आवेदन आये हैंवो काफी उच्च शिक्षित लोगों के हैं।
मुरादाबाद नगर निगम में 1082 सफाई कर्मचारियों के पदों केलिये भर्ती निकली हैं। इसके लिये 49,000 लोगों ने आवेदन किया है, लेकिनआवेदकों के फार्मों में उनकी क्वालिफिकेशन देखकर नगर निगम के अधीकारी हैरानहैं। सफाई कर्मचारी के लिये नगर निगम ने हाईस्कूल मांगा है, लेकिन जिन लोगों नेसफाई कर्मचारी के लिये आवेदन भरे हैं उनमें से कई आवेदकों ने देश के नामी कालेजोंसे एमबीए तक हैं। कई इंजिनियरिंग कर चुके हैं, जबकि कई आवेदक ऐसे हैं जिनके नंबर 98 प्रतिशततक हैं। वहीं 5 विषयोंमें डिक्टेंशन पाने वालों को भी सफाई कर्मचारी बनने से कोई गुरेज नहीं है। इसेबेरोजगारी कहें या फिर सरकारों की विफलता, लेकिन इस कड़वे सच ने पूरे सिस्टम का सिरशर्म से झुका दिया है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो