मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश में इन दिनों कमजोर राजनीतिक व प्रशासनिक व्यवस्थाओं का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। पिछले दो दिनों में फार्मेसिस्टों की हड़ताल में अलग अलग शहरों में कई लोगों को जान से हाथ धोनी पड़ी है।
वहीं पिछले एक महीने से जारी लेखपालों की हड़ताल से अकेले मुरादाबाद मंडल में लाखों लोगों के कई प्रकार के प्रमाण पत्र लटक गए। जिससे कई युवाओं को समस्या आन पड़ रही है क्योंकि ज्यादातर लोग नौकरी के दौरान ही प्रमाण पत्र वगैरह बनवाते हैं। वहीं सबसे ज्यादा दिक्कत उन लोगों को हो रही है, जिन्होंने कहीं आवेदन करना है या कहीं उनका प्रस्तुतीकरण करना है। फिलहाल लेखपालों की हड़ताल तो खत्म हो गई लेकिन इतनी पेंडेंसी हो गई की निपटाए भी नहीं निपट रही है।
दरअसल लेखपालों की हड़ताल के दौरान पूरे मंडल में ढाई लाख से अधिक आवेदन हुए इनमें जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र समेत कई और तरह के जरुरी प्रमाण पत्र शामिल थे। लेकिन हड़ताल के कारण इनमें से कोई नहीं बन सका। बता दें कि अकेले मुरादाबाद में साठ हजार से अधिक आवेदन अटके हैं।
वहीं रामपुर में 34950, संभल में 23303, बिजनौर में 105287, अमरोहा में 35972 यानि कुल 261091 हैं। चूंकि सभी प्रमाण पत्रों में लेखपाल की रिपोर्ट लगती है इसलिए ये जारी नहीं हो पाए। जबकि सभी आवेदन ऑनलाइन किए गए हैं फिर निपट नहीं पा रहे, तहसील में इन दिनों युवा खासा परेशान हैं। क्योंकि कई विभागों की वेकैंसी भी निकली हुई हैं और बिना प्रमाण पत्रों के फॉर्म नहीं भर सकते, उनके सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है।
उधर अधिकारी भी इन आवेदकों को कोई ठोस जवाब नहीं दे सके हैं। जबकि जल्द व्यवस्था पटरी पर लौटने की बात कर रहे हैं, लेकिन कब तक ये बताने को कोई भी राजी नहीं है।