मुरादाबाद. दिसम्बर के पहले सप्ताह से पड़ रही कड़ाके की ठंड लगातार जारी है। जिससे बेसहारा व गरीब तबके की परेशानी को देखते हुए सरकारी मशीनरी द्वारा पहले सप्ताह तक कोई मदद नहीं की गयी। शासन की सख्ती के बाद आनन-फानन में कम्बल बांटने के साथ ही अलाव व रैन बसेरों की व्यवस्था भी की गयी, लेकिन कोई निगरानी न होने के चलते ये रैन बसेरे अब अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ रहे हैं। कुछ यही हाल शुक्रवार रात शहर के कई रैन बसेरों में देखने को मिला। रोडवेज स्टैंड से लगे रैन बसेरों में तो हालत बेहद खस्ता मिले, क्यूंकि यहां न तो पर्याप्त साधन थे वहीं ऊपर से इसमें नाले का गन्दा पानी भी आ रहा था, जिस कारण यहां ठंड में कोई ठहरने को तैयार ही नहीं था।
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ये हालत और ये तस्वीर है समाजवादी जुबान में कहे जाने वाले उत्तम प्रदेश यानी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के पुराने रोडवेज बस अड्डे के सामने बने अस्थाई रैन बसेरे की। जहां इन हालातों के चलते रात काटना लोगों के लिये किसी सजा से कम नहीं है। तस्वीरों में दिखाई दे रहा ये रेन बसेरा मुरादाबाद के पुराने रोडवेज बस अड्डे के ठीक सामने बनाया गया है, ताकि जरुरत पड़ने पर बाहरी ब गरीब असहाय लोग इसमें आकर अपनी सर्द ठण्ड रात को काट सकें, लेकिन इसमें आने वाला व्यक्ति कैसे रात काटता है हम आपको बताते हैं। यहां आने आने वाले लोगों को ठण्ड में पानी में भीगे ठन्डे बिस्तरों पर लेटकर रात काटनी पड़ती है।
देखें क्या कहता है रैन बसेरे का प्रभारी-
दरअसल इस रैन बसेरे के ठीक पीछे एक नाला है। नाले की कभी साफ़-सफाई नहीं होती है, जिसके चलते नाले में आने वाला गन्दा बदबूदार पानी रैन बसेरे में बहने लगता है और इसमें बिछे गद्दे और रजाईयां कुछ ही समय में पानी में तर हो जाती हैं। इस रैन बसेरे की निगरानी करने वाला प्रमोद भी खुद बताता है कि यहां यह समस्या पिछले कई दिन से बनी हुई है। यहां आने वाले लोग उससे ठंडे और गीले बिस्तर होने की शिकायत करते हैं, लेकिन देखने वाली बात के है कि आखिर इन रैन बसेरों का निरिक्षण करने वालों को ये अव्यवस्था आखिर क्यों नज़र नहीं आती है या फिर ये रैन बसेरे का बेहतर रख रखाव सिर्फ कागजों में ही हो रहा हो।