script‘Mohenjo Daro’ Review: सरमन-चानी के प्रेम पर भारी फिल्म की लंबाई  | 'Mohenjo Daro' Review:Length of Movie heavy on Sarman-Chaney's love. | Patrika News

‘Mohenjo Daro’ Review: सरमन-चानी के प्रेम पर भारी फिल्म की लंबाई 

Published: Aug 12, 2016 05:50:00 pm

Submitted by:

dilip chaturvedi

करीब आठ साल बाद एक पीरियड ड्रामा पर बेस्ड फिल्म ‘मोहेंजो दारो’ के साथ लौटे आशुतोष गोवरिकर…

mohenjo daro

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फिल्म: मोहेंजो दारो
जोनर: पीरियड ड्रामा लव स्टोरी
निर्माता: सिद्धार्थ रॉय कपूर और सुनीता गोवारिकर
निर्देशक: आशुतोष गोवारिकर
कलाकार: ऋतिक रोशन, पूजा हेगड़े, कबीर बेदी, सुहासिनी मुले और अरुणोदय सिंह
संगीतकार: ए आर रहमान
रेटिंग: 2/5

मुंबई। लगान और जोधा अकबर जैसी कालजयी फिल्म बनाने आशुतोष गोवरिकर करीब आठ साल बाद एक पीरियड ड्रामा पर बेस्ड फिल्म ‘मोहेंजो दारो’ के साथ लौटे हैं। उनकी वापसी कितनी असरदार रही, यह तो फिल्म के फस्र्ट डे कलेक्शन से ही लग जाएगा, लेकिन यहां एक बात का उल्लेख करना जरूरी है कि बेशक एक्टर ऋतिक रोशन और नवोदित अभिनेत्री पूजा हेगड़े की जोड़ी फ्रैश है, लेकिन कहानी उतनी ही उबाऊ…। मोहेंजो दारो एक प्रेम कहानी है, जिसे इतिहास से पहले के काल यानी की मोहेंजो दारो के दौर में दिखाया गया है। अब सवाल यह उठता है कि दर्शकों का यह प्रेम कहानी कितनी भाती है…फिलम के बारे में हम आपको कुछ और बताएं, उससे पहले एक नजर फिल्म की कहानी पर डाल लेते हैं…

कहानी…
फिल्म की कहानी शुरू होती एक छोटे से गांव आमरी से। गांव का एक बहादुर नौजवान सरमन (ऋतिक रोशन) अक्सर अपने गांव की रक्षा करने के किसी भी मुसीबत से टकरा जाता है। सरमन को अक्सर सपने में मोहेंजो दारो दिखाई देता है। पर अपने चाचा के मना करने की वजह से वो वहां नहीं जा पाता है। आखिरकार सरमन को मोहेंंजो दारो जाने का मौका मिल जाता है। वहां केपुजारी की बेटी चानी (पूजा हेगड़े) से सरमन को प्यार हो जाता है, लेकिन चानी की शादी मोहेंजो दारो के प्रधान महम (कबीर बेदी) के बेटे मूंजा (अरुणोदय सिंह) से तय होती है। इसके अलावा इस कहानी में एक और ट्विस्ट ऐसा है कि सरमन का मोहेंजो दारो से पूराना रिश्ता होता है। जब सरमन को अपना अतीत पता चलता है, तो वो अपने प्यार को पाने के साथ मोहेंजो दारो के लोगों की रक्षा करने की ठानता है। सरमन और चानी मिल पाते हैं या नहीं? सरमन का अतीत क्या होता है? इन सब सवालों के जवाब आपको फिल्म देखने के बाद मिल सकेंगे। 

स्क्रिप्ट…
फिल्म देखने के बाद ऐसा लगता है जैसे कहानी के पीछे काफी रिसर्च किया गया है। आशुतोष ने स्क्रीनप्ले और प्रीती ममगैन के संवाद प्रभावी हैं। बस कहानी और उसका फिल्मांकन बहुत ही लंबा लगता है जिसे छोटा किया जा सकता था। फिल्म का दोनों पार्ट इतना लंबा है कि दर्शक सीट छोड़कर बाहर चले जाते हैं या फिर अपने मोबाइल फोन बिजी हो जाते हैं। यदि आशुतोश इस सब्जेक्ट पर फिल्म की बजाय धारावाहिक का निर्माण करते, तो शायद ज्यादा सफल रहते। हांलाकि फिल्म एक्शन दृश्य अच्छे हैं। फिल्म का गीत-संगीत भी अच्छा है। लोकेशन भी कमाल के हैं। बस एक जगह आशुतोष से चूक हो गई, जिसके चलते फिल्म बोरिंग हो जाती है।

निर्देशन
आशुतोष गोवारिकर के निर्देशन में कोई खामी नजर नहीं आती। हमेशा की तरह इस बारा भी उन्होंने निर्देशन में कमाल किया है। मोहेंजो दारो की जो बारीकियां हैं, उन्हें दिखाने के लिए गोवारिकर की मेहनत साफ झलकती है। कुछ दृश्य तो ऐसे हैं, जो सिर्फ आशुतोष ही कर सकते हैं।

अभिनय…
फिल्म में ऋतिक रोशन, पूजा हेगड़े, कबीर बेदी, सुहासिनी मुले और अरुणोदय सिंह मुख्य भूमिका में हैं। सभी ने अपने काम को बेहतरीन तरीके से किया है। खासकर ऋतिक और पूजा हेगड़े ने कमाल का अभिनय किया है। पूजा हेगड़े की बॉलीवुड में यह डेब्यू फिल्म है, लेकिन उनके अभिनय से लगता ही नहीं कि उनकी यह पहली फिल्म है। कबीर बेदी और अरुणोदय सिंह भी फिल्म में अपनी छाप छोड़ते नजर आते हैं।

गीत-संगीत…
फिल्म का म्यूजिक ऑस्कर विजेता ए आर रहमान ने दिया है। रहमान गोवारिकर के साथ पहले भी काम कर चुके हैं। यह जोड़ी फिर एक बार सही साबित हुई है। कुल मिलाकर यह कहना सही होगा कि फिल्म का गीत-संगीत मधुर है। कानों को अच्छा लगता है। फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक भी शानदार है।

कमजोर कड़ी…
फिल्म की कमजोर कड़ी फिल्म की स्क्रिप्ट। फिल्म का पहला और दूसरा भाग बेहद लंबा है। यहां पर निर्देशक आशुतोष गोवरिकर से भारी चूक हो गई। 

क्यों देखें…
यदि आप इतिहास में रुचि रखते हैं या फिर ऋतिक रोशन के फैन है या फिर आपको आशुतोष गोवरिकर की फिल्में देखना अच्छा लगता है, तो एक बार फिल्म देखी जा सकती है। यूं तो फिल्म की पृष्ठभूमि प्रेम प्रधान है, लेकिन फिल्म की लंबाई की वजह से सरमन-चानी का प्रेम फीका पड़ जाता है। 

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