मां की मूर्ति स्थापित की जाएगी व कलश स्थापना होगी। इस पूजा-पाठ से पहले आपको इससे जुड़े नियमों के बारे जरूर जान लेना चाहिए।
जबलपुर। शारदीय नवरात्रि एक अक्टूबर से प्रारंभ हो रही है। इस बार नवरात्रि पर विशेष संयोग बन रहा है। आमतौर पर नवरात्रि नौ दिनों की होती है, लेकिन इस बार नवरात्रि दस दिनों की है। यह शुभ संयोग 15 वर्षों बाद बन रहा है। इस बार नवरात्रि के दस में से आठ दिनों में विशेष सिद्धियोग हैं।
10 दिनों तक मां के नौ स्वरुपों की पूजा की जाएगी। देवी मां की भक्ति में डूबे भक्त नौ दिन तक उपवास करेंगे। मां की मूर्ति स्थापित की जाएगी व कलश स्थापना होगी। इस पूजा-पाठ से पहले आपको इससे जुड़े नियमों के बारे जरूर जान लेना चाहिए।
navratri-1409911/”>MUST READ: Navratri: नवरात्र के 10 में से आठ दिन हैं विशेष योग, इस मुहूर्त में करें घट स्थापना
इन 10 बातों का रखें ध्यान
– नवरात्रि के दौरान उपवास करने वाले व्यक्ति को दाढ़ी-मूछ वा बाल नहीं कटवाने चाहिए।
– कलश स्थापना के बाद घर को खाली नहीं छोडऩा चाहिए।
– नौ दिन तक सात्विक भोजन करना चाहिए। इस दौरान नॉनवेज व लहसुन, प्याज का सेवन न करें।
– उपवास करने वाले व्यक्ति को व्रत के खाने में अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए।
– विष्णु पुराण के अनुसार नवरात्रि व्रत के समय दिन में नहीं सोना चाहिए।
– उपवास के दौरान शराब का सेवन पूर्ण रूप से वर्जित है।
– व्रत के दौरान तम्बाखू के सेवन से व्रत का फल नहीं मिलता है।
– व्रत के दौरान शारिरिक संबंध बनाने से व्रत का फल नहीं मिलता है।
– महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान पूजन नहीं करना चाहिए।
– मासिक धर्म के सात दिनों तक पूजन वर्जित किया गया है।
ये करें-
– व्रत के में कुट्टु का आटा, समारी चावल, सिंघाड़े का आटा, साबूदाना, सेंधा नमक, फल, आलू, मेवे, मूंगफली खानी चाहिए।
– ब्रम्हमुहूर्त में स्नान कर देवी मां का पूजन करना चाहिए। सूर्योदय के पूर्व पूजन से देवी मां प्रसन्न होती हैं।
– नौ देवियों को दिन के अनुरूप उन्हें भोग लगाना चाहिए व उनका पूजन विधान से करना चाहिए।
– नौ देवियों के अनुरूप उन्हें पुष्प अर्पित करना चाहिए। इससे देवी मां प्रसन्न होती हैं।
– नौ दिन में चौबीस हजार गायत्री मंत्रों का जाप करना चाहिए।
– तुलसी, चंदन और रुद्राक्ष की मालाओं का उपयोग जाप के लिए करना चाहिए।