scriptहर वर्ष 15 दिन के लिए जीवों को मुक्त करते हैं यमराज, ये हैं 3 कारण  | Shradh is an important ritual as per the Hindu tradition | Patrika News

हर वर्ष 15 दिन के लिए जीवों को मुक्त करते हैं यमराज, ये हैं 3 कारण 

Published: Sep 16, 2016 06:48:00 pm

Submitted by:

Abha Sen

इस बार पंचमी व षष्टी तिथि एक ही दिन पडऩे के कारण 15 दिन का पितृपक्ष होगा। इसमें शुभ कार्य वर्जित किए गए हैं।

spirit

spirit

जबलपुर। भाद्रपद शुक्ल पक्ष पूर्णिमा शुक्रवार को पितृ पक्ष प्रारंभ हो गया। इसमें शुभ कार्य वर्जित किए गए हैं। इस पखवाड़े में पितरों को तर्पण करने पर पुण्य हासिल होता है। इस बार पंचमी व षष्टी तिथि एक ही दिन पडऩे के कारण 15 दिन का पितृपक्ष होगा। 

श्राद्ध का कारण
1. प्राचीन साहित्य के मतानुसार सावन माह की पूर्णिमा से ही पितर पृथ्वी पर आ जाते हैं। वह नई आई कुशा की कोपलों पर विराजमान हो जाते हैं। श्राद्ध अथवा पितृ पक्ष में व्यक्ति जो भी पितरों के नाम से दान तथा भोजन कराते हैं अथवा उनके नाम से जो भी निकालते हैं, उसे पितर सूक्ष्म रूप में ग्रहण करते हैं। ग्रंथों में तीन पीढिय़ों तक श्राद्ध करने का विधान बताया गया है।


2. पुराणों के अनुसार यमराज हर वर्ष श्राद्ध पक्ष में सभी जीवों को मुक्त कर देते हैं, जिससे वह अपने स्वजनों के पास जाकर तर्पण ग्रहण कर सकते हैं। तीन पूर्वज पिता, दादा तथा परदादा को तीन देवताओं के समान माना जाता है। पिता को वसु के समान माना जाता है, रुद्र देवता को दादा के समान माना जाता है। आदित्य देवता को परदादा के समान माना जाता है। 
श्राद्ध के समय यही अन्य सभी पूर्वजों के प्रतिनिधि माने जाते हैं। 

3. शास्त्रों के अनुसार यह श्राद्ध के दिन श्राद्ध कराने वाले के शरीर में प्रवेश करते हैं अथवा ऐसा भी माना जाता है कि श्राद्ध के समय यह वहां मौजूद रहते हैं और नियमानुसार उचित तरीके से कराए गए श्राद्ध से तृप्त होकर अपने वंशजों को सपरिवार सुख तथा समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। श्राद्ध कर्म में उच्चारित मंत्रों तथा आहुतियों को वह अपने साथ ले जाकर अन्य पितरों तक भी पहुंचाते हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो