दादर में हुई गोलीबारी में अश्विन का था हाथ, 16 जुलाई की रात 9.11 बजे दादर पश्चिम के कॉमॉस प्लेटिनम मॉल के बाहर दो राउंड गोलीबारी की गई थी,
मुंबई। दादर पुलिस ने गैंगस्टर अश्विन नाईक और उसके 8 गुर्गों पर बिल्डर से 50 लाख रुपये हफ्ता मांगने के मामले में मकोका लगा दिया है। इस मामले में नाईक का बच निकलना मुश्किल है। इससे पहले बिल्डर से हफ्ता वसूली के कई मामलों में नाई का नाम सामने आया था। पुलिस को उसके खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं मिला था, जिससे पुलिस उस पर कार्रवाई नहीं कर पाई थी। सूत्रों के मुताबिक, 16 जुलाई की रात 9.11 बजे दादर पश्चिम के कॉमॉस प्लेटिनम मॉल के बाहर दो राउंड गोलीबारी की गई थी, गोलीबारी करने वाला सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ था।
नाईक के गुर्गे थे शामिल
दादर पुलिस ने इस मामले में माहिम के मुकुंद घाडिग़ावकर समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने पांचों आरोपियों से गहन पूछताछ की तो पता चला कि दादर के बिल्डर से लाखों रुपये हफ्ते की मांग की गई थी, हफ्ता की रकम देने में आना-कानी करने पर गोलीबारी करवाई गई थी। पुलिस की तफ्तीश में सामने आया कि बिल्डर से हफ्ता वसूली में नाईक गैंग के गुर्गे शामिल थे।
घाडिग़ांवकर से हुआ खुलासा
इस मामले के मुख्य आरोपी घाडिग़ांवकर के नाई गैंग से जुड़े होने की जानकारी सामने आई। नाईक गैंग ने उस बिल्डर से पहले 22 लाख रुपेय का हफ्ता वसूला था। पुलिस को घाडिग़ांवकर से पूछताछ में अश्विन नाईक का नाम सामने आया था। पुलिस ने नाईक पर कार्रवाई नहीं की। दादर पुलिस स्टेशन के अधिकारियों के मुताबिक उस मामले में नाईक के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं मिला था। इससे उस पर कार्रवाई नहीं की गइ। दादर पुलिस उसके बाद से ही अश्विन नाईक और उसके गैंग की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही थी। 20 दिसंबर को पुलिस ने नाईक और उसके चार लोगों को हफ्ता की रकम लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।