मुंबई। राज्य में सूखे की भयावह स्थिति के बावजूद सरकार किसानों की कर्ज माफी नहीं करना चाहती है। दरअसल, हर बार सूखा पड़ने के बाद किसानों की कर्ज माफी करने के बावजूद किसानों की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए फ डनवीस सरकार ने तय किया है कि किसानों के लिए खेती के अलावा रोजी-रोटी चलाने के लिए दूसरा विकल्प दिया जाए, ताकि भविष्य में अगर मानसून साथ न दे तो भी उसके घर का चूल्हा सहजता से जल सके।
परिणाम देखने के बाद होगा विस्तार
राज्य के कृषि मंत्री एकनाथ खड़से ने बातचीत में कहा कि किसानों का पूरा कर्ज माफ करना पाना संभव नहीं है, बल्कि उस पैसे का प्रयोग कुछ इस तरीके से किया जाए, ताकि किसानों को वैकलपिक रोजगार का साधन मुहैया कराया जा सके। मसलन किसान को पशुपालन के लिए प्रेरित करना या फिर बागवानी खेती के लिए उसे सब्सिडी देना, ताकि पशु पालन करके या फिर बगीचा लगाकर भी अपने परिवार का जीवकोपार्जन कर सकें।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत केंद्र सरकार ने हमें योजनाएं तैयार क रने के लिए कहा है। इन योजनाओं में केंद्र सरकार 50 फीसदी हमें सब्सिडी देगा। खड़से ने कहा कि सबसे ज्यादा आत्म हत्या ग्रस्त जिला यवतमाल और उस्मानाबाद में प्रयौगिक तौर पर कई योजनाओं को शुरू किया जाएगा। इन योजनाओं के माध्यम से किसानों को मजबूत करने का प्रयास रहेगा। इन योजना की इन जिलों में परिणाम को देखने के बाद इनका विस्तार किया जाएगा।