खुद रिटायर हो गए तो प्रशिक्षण देकर देश के लिए तैयार कर रहे सैनिक
खुद के संसाधन के सभी बच्चों को दौड़ से लेकर जंप, पंम्पींग, डीप्स, ऊंची कूद, लंबी कूद व शारीरिक मापदण्ड में तैयार करने के लिए प्रशिक्षित कर रहे हैं।
श्यामकिशोर/निक्कू जायसवाल. लोरमी. देश की रक्षा कर दुश्मनों को मुहतोड़ जवाब देने के लिए समीपस्थ ग्राम डिण्डोल में भूतपूर्व सैनिक संतोष साहू अपने गांव के 50 बच्चों को फौज में जाने की ट्रेनिंग दे रहे हैं। वे प्रतिदिन गांव सहित आसपास के बच्चों को सैनिक बनने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। खुद के संसाधन के सभी बच्चों को दौड़ से लेकर जंप, पंम्पींग, डीप्स, ऊंची कूद, लंबी कूद व शारीरिक मापदण्ड में तैयार करने के लिए प्रशिक्षित कर रहे हैं। उनका कहना है कि आज के युवा बेरोजगारी की मार से परेशान हैं। 18 वर्ष से लेकर 40 वर्ष तक के पुरुष व महिला काम के लिए भटक रहे हैं।
उन्होंने बताया कि गांव सहित आसपास के बच्चों को बेरोजगारी से मुक्ति दिलाने के लिए तथा देश की सेवा करने के लिए 100 से भी ज्यादा बच्चों को फौजी बनने के लिए ट्रेनिंग दे रहे हंै। प्रतिदिन सुबह 4 बजे खुद उठकर बच्चों को निर्धारित समय को लेकर दौड़ाते हैं। फिर इसके बाद की प्रक्रिया पूरी की जाती है। खुद की राशि से संसाधन खरीदर कर बच्चों को प्रशिक्षित कर रहे हैं।
ट्रेनिंग ले रहे बच्चे भी बड़े उत्साह व उमंग के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने ने बताया कि आज से 18 वर्ष पहले अपने गांव से वे अकेले एक ऐसे व्यक्ति थे, जो देश सेवा के लि गए थे। उनके फौज में जाते ही गांव के 10 लोग फौज में शामिल होने के लिए चले गए। आज उनके गांव के सभी सैनिक देश की सेवा में लगे हैं। उनका कहना है कि हमारे गांव की पहचान एक दिन ऐसी हो कि लोग सिर्फ ग्राम डिण्डौल को सिर्फ फौजियों का गांव से जाने, इसके लिए मैंने गांव सहित आसपास के बच्चों को फौजी बनने में जो ट्रेनिंग मिलता है, वही प्रशिक्षण दे रहा हूं। उन्होंने बताया कि अभी 14 दिसबंर को भिलाई में सेना की भर्ती रैली है, जिसमें मैं 50 बच्चों को लेकर वहां पर जाउगा निश्चित ही ये बच्चे उसमें सफल होंगे।
7 गांव से 23 सैनिक कर रहे देश सेवा
पूर्व सैनिक साहू ने बताया कि नगर से 10 किमी के दायरे में आने वाले 7 गांव से 23 सैनिक देश की सेवा कर रहे हैं। ग्राम सुकली से 5 जवान फौज में शामिल हैं। इसके अलावा ग्राम सेमरिया, झाफल, विचारपुर, मुड़घुसरी व सारधा मिलाकर 18 जवान भारतमाता की रक्षा में काम कर रहे हैं।
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