ज्यादातर लोग बैंक में रखे हुए अपने पैसे को सबसे अधिक सुरक्षित मानते हैं। इसके चलते वे अपनी जरूरत के लिए बचत का पैसा सेविंग अकाउंट में डालते हैं…
नई दिल्ली. देश में ज्यादातर लोग बैंक में रखे हुए अपने पैसे को सबसे अधिक सुरक्षित मानते हैं। इसके चलते वे अपनी जरूरत के लिए बचत का पैसा सेविंग अकाउंट में डालते हैं। पर, वह इस बात का नहीं समझ पाते कि सेविंग अकाउंट में रखा हुआ पैसा उनको समय के मुताबिक रिटर्न नहीं दे पा रहा है जिससे आर्थिक नुकसान हो रहा है। अगर, थोड़ी समझदारी से वे अपने पैसे को निवेश करें तो न सिर्फ महंगाई से मुकाबला कर सकते हैं बल्कि निवेश पर अच्छा रिटर्न भी प्राप्त कर सकते हैं।
महंगाई: मीठा जहर
अधिकांश भारतीय अपनी बचत पर महंगाई (मुद्रास्फीति) के असर को कमतर आंकते हैं। अगर 6 फीसदी सालाना महंगाई को ही लें तो आपके प्रत्येक 100 रुपए का मूल्य एक साल में 6 रुपए कम हो जाता है। दूसरे रूप में एक साल के बाद आपके 100 रुपए से आज के मूल्य पर केवल 94 रुपए की खरीदारी हो पाएगी। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए था। आपको पैसों की इतनी वृद्धि तो होनी ही चाहिए ताकि भविष्य में उससे अधिक नहीं तो उतने मूल्य का सामान तो कम से कम खरीदा जा सके। याद रखें कि निवेश में महंगाई की दर से कम वृद्धि होने पर आपके नकद राशि की क्रय शक्ति घट जाएगी। अधिकांश बैंक सेविंग अकाउंट में जमा राशि पर सिर्फ 4 फीसदी ब्याज देते हैं, ऐसे में यदि महंगाई 6 फीसदी की दर से भी बढ़े तो आप की जमा राशि मूल्यांकन के तौर पर करीब 2 फीसदी की गिरावट हो जाती है। कुछ सालों के बाद इसका भारी असर हो सकता है।
टैक्स का निगेटिव असर
बैंक बचत खाते पर मिलने वाला सालाना ब्याज यदि 10 हजार रुपए से ज्यादा हो तो टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स अदा करना होता है? ऐसे में यदि खाते में बड़ी राशि जमा है और 4 फीसदी की दर से ब्याज मिलता 30 फीसदी टैक्स ब्रैकेट में आते हैं तो आपका 2.75 फीसदी पैसा टैक्स में चला जाता है। इसमें महंगाई का फैक्टर शामिल किया जाए तो नुकसान और बढ़ जाता है। इसका नुकसान कई लोग उठा रहे हैं, लेकिन उन्हें इस बारे में पता ही नहीं है। साफ है कि आपको अपनी महत्वपूर्ण नकद राशि बचत खातों से निकाल कर ऐसे विकल्पों में लगाना चाहिए जो महंगाई से लड़ने में सक्षम हैं।
लिक्विड फंड महंगाई से लड़ने में सक्षम
मान लीजिए कि आपके 75 हजार रुपए बचत खाते में रखे हैं। इस पर 4 फीसदी की दर से सालाना ब्याज मिलता है। एक साल के बाद यह राशि बढ़कर 77,073 रुपए हो जाएगी। इसके बदले मान लें कि आपने तात्कालिक जरूरतों के लिए केवल 25,000 रुपए बचत खाते में और बाकी के 50,000 रुपए लिक्विड फंड में रखे हैं। अगर लिक्विड फंड पर 7.84 फीसदी सालाना रिटर्न मिलता है और आप 3 साल तक निवेश बनाए रहते हैं, तो साल के अंत में सब मिलकार आापकी रकम 78,480 रुपए हो जाएगी। अब समय आ गया है कि लोग बचत खातों में भारी रकम रखने की आदत पर गौर करें।