scriptम्युचुअल फंड है बेहतर रिटर्न दिलाने का मंत्र | How to Choose Best Mutual Fund for Investment Schemes | Patrika News

म्युचुअल फंड है बेहतर रिटर्न दिलाने का मंत्र

Published: Jul 25, 2016 03:14:00 pm

सोने और रियल एस्टेट जैसे बड़े नॉन-फाइनेंशियल एसेट्स को लेकर भारत में बचत की आदतें काफी पुरानी हैं

Mutual Fund

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जयपुर। बाजार में निवेश के कई सारे विकल्प उपलब्ध हैं। परंपरागत निवेशक आज भी जहां बैंक और पोस्ट ऑफिस की सेविंग स्कीम में निवेश को प्राथमिकता देते हैं, वहीं, युवा और अधिक रिटर्न चाहने वालों की पहली पसंद म्युचुअल फंड बनता जा रहा है। आज जानते हैं कि आखिर किन खासियतों ने म्युचुअल फंड को निवेश का एक उम्दा विकल्प बना दिया है। निलेश शाह एमडी कोटक म्युचुअल फंड मैं आपसे पूछता हूं कि यदि आपके पास निवेश के दो विकल्प हों, जिनमें से पहले में आपको एक फीसदी कम ब्याज मिले और दूसरे विकल्प में 60 फीसदी संभावना हो कि लंबे समय के लिए निवेश करने पर आपको एक फीसदी अधिक ब्याज मिलेगा। एेसे में आप किस विकल्प का चयन करेंगे? इस सवाल का जवाब ढूंढना हर निवेशक के लिए जरूरी होता है। हमारे यहां जानकारी की कमी के कारण लोग पहले विकल्प का चयन करते हैं।
 
लंबी अवधि के लिए चयन किए जाने वाले प्रोडक्ट्स में अनिश्चित रिटर्न के चलते अस्थिरता रहती है। कुछ विकल्पों को छोड़कर किसी भी निवेश में रिटर्न की गारंटी नहीं दी जाती है। सोने और रियल एस्टेट जैसे बड़े नॉन-फाइनेंशियल एसेट्स को लेकर भारत में बचत की आदतें काफी पुरानी हैं। हमारे यहां वित्तीय बचत के मामलों में ज्यादातर लोग इंश्योरेंस, करंसी, पेंशन व प्रोविडेंट फंड, शेयर या डिबेंचर आदि को प्राथमिकता देते हैं। लेकिन अमरीका और चीन जैसे विकसित अर्थव्यवस्था वाले देशों में अधिकांश लोग शेयर, म्युचुअल फंड्स, बॉन्ड्स आदि को प्राथमिकता देते हैं। निवेश का मूल विचार पैसे बचाना और बचत राशि से कोई ऐसा स्रोत तैयार करना है, जहां से आय आनी शुरू हो। निवेश के साथ हमेशा जोखिम जुड़ा होता है। बहरहाल, जहां निवेशक उत्पाद पर नजर नहीं रख पाते हैं, वहां जोखिम और बढ़ जाता है। ऐसे में कम
जानकारी होने की स्थिति में जोखिम से निपटने में म्युचुअल फंड आपकी मदद करते हैं।

म्युचुअल फंड्स में निवेश करने के महत्वपूर्ण फायदों में जोखिम समायोजित रिटर्न, उद्देश्य प्रेरित निवेश, पेशेवर पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सेवा, प्रतिस्पर्धी निवेश लागत और टैक्स में लाभ शामिल हैं। म्युचुअल फंड्स के माध्यम से घरेलू इक्विटी वाले एसेट्स पोर्टफोलियो, कॉर्पोरेट बॉन्ड्स, मुद्रा बाजार, सोना और विदेशी इक्विटी में निवेश कर सकते हैं। ये एसेट क्लास उन म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो के हिस्से हो सकते हैं, जो अनुपात और संयोजन के लिहाज से बदलते रहते हैं और व्यापक तौर पर कानूनी रूप से विनियमित निवेश उद्देश्यों और रणनीतियों के तहत प्रबंधित किए जाते हैं।

ऐसे में निवेशक के एसेट्स क्लास में बदलाव उसकी परिस्थितियों और आवश्यकताओं पर निर्भर होता है। यहां निवेश के उद्देश्य, अवधि और जोखिम पर भी काफी कुछ निर्भर होता है। एसेट्स क्लास की अस्थिरता और व्यावहारिक विविधताओं के चलते एसेट अलोकेशन को निवेश की रणनीति के रूप में देखा जाता है। अलोकेशन से किसी खास एसेट्स क्लास के साथ जुड़ी अस्थिरता को कम करने में मदद मिलती है। इससे निवेशकों की अपेक्षाओं के अनुरूप लाभ और जोखिम के अनुपात को तय करने में भी मदद मिलती है।

एक्सपर्ट की राय

क्रेडिट स्कोर की समझ जरूरी

बैंक से लोन लेने, क्रक्रेडिट कार्ड लेने, कार या घर खरीदने आदि में क्रेडिट स्कोर की अहम भूमिका होती है। इसलिए क्रेडिट स्कोर हमेशा 750 अंक से ऊपर रखने का प्रयास करना चाहिए। इससे लोन मिलने में आसानी होती है। – हर्ष रूंगटा, फाइनेंशियल मामलों के एक्सपर्ट

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