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नाेटबंदी के बाद ये हुआ बड़ा फायदा, आप भी जानिये

locationमुजफ्फरनगरPublished: Dec 03, 2016 09:39:00 am

Submitted by:

lokesh verma

नोटबंदी पर पत्रिका की स्‍पेशल रिपोर्ट

Note Ban

Note Ban

सहारनपुर. नाेटबंदी के बाद भले ही आम आदमी काे तरह-तरह की परेशानियां हाेने की अलग-अलग खबरें आ रही हाें लेकिन, एक अप्रत्याशित लाभ भी हुआ है। आपकाे यह जानकर हैरानी हाेगी कि नाेटबंदी के बाद से सहारपुर जिले में अब तक लूट, चाेरी आैर डकैती की एक भी एेसी घटना नहीं हुई, जिसमें एसआर यानी स्पेशल रिपाेर्ट खाेली गई हाे। इससे साफ है कि अपराध पर नाेटबंदी का बड़ा असर हुआ है आैर बढ़ते अपराध ग्राफ में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। यह अलग बात है कि स्थानीय अफसर इसे बेहतर पुलिसिंग आैर हाल ही में पुलिस महकमे में बड़े स्तर पर किए गए बदलाव का असर बताते हैं, लेकिन नाेटबंदी के बाद से लूट, डकैती, चाेरी आैर यहां तक हत्या जैसी जघन्य वारदाताें के ग्राफ में अचानक कमी आने से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि अपराध ग्राफ में कमी नाेटबंदी से कारण आई है।

नाेटबंदी के बाद सिर्फ दाे ही एसआर

सहारनपुर जिले में नाेटबंदी के बाद दाे ही एसआर सामने आई हैं। दाेनाें ही हत्या की वारदातें हैं। फिलहाल पुलिस की जांच में यह बात भी सामने आ चुकी है कि दाेनाें वारदाताें काे पुरानी चली आ रही रंजिश में अंजाम दिया गया है।


आईए जानते हैं क्या हाेती है एसआर

एसआर स्पेशल रिपाेर्ट हाेती है। गंभीर अपराध हाेने पर ही एसआर चलती है। सीधे शब्दाें में एसआर का मतलब यह है कि जब भी किसी थाने पर गंभीर प्रवृत्ति की काेई रिपाेर्ट दर्ज हाेगी ताे उसकी वारदात की एक डिटेल अफसराें काे भेजी जाती है। एेसे मामलाें में चल रही प्रगति आैर विवेचना की समय-समय पर समीक्षा भी की जाती है।

इन मामलाें में बनती है एसआर

– डकैती आैर हत्या की हर वारदात में एसआर खाेली जाती है।
– एेसी लूट जिसमें किसी व्यक्ति की मृत्यु हाे जाए।
– एेसी लूट जिसमें काेई आग्नेयशास्त्र लूटा गया हाे।
– एक लाख से अधिक की लूट या फिर बैंक अथवा पाेस्ट अॉफिस से लूट।
– एसएसटी वर्ग के लाेगाें पर पर याैन हमला, बलवा आैर आगजनी के मामलाें में।
– दहेज हत्या के मामले भी एसआर खाेली जाती है।
– फिराैती के लिए अपहरण आैर राेड हाेल्डअप
– पुलिस अभिरक्षा में मृत्यु आैर शस्त्र व गाेलाबारूद की दुकान में चाेरी
– एक लाख से अधिक नकली नाेट मिलने पर।
– पुलिस का दुर्व्यवहार, बिजली के तार आैर ट्रांसफार्मर की चाेरी।
– तेजाब से हमला किए जाने की मामलाें में।
– एेसे अपहरण जिनमें 45 दिन बाद भी अपह्त की बरामदगी ना हाे पाए।
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