सहारनपुर। सहारनपुर अस्पताल में दूसरे दिन भी फार्मेसिस्ट की हड़ताल जारी रही। हड़ताल कर रहे फार्मेसिस्ट ने खुद ताे काम किया ही नहीं दूसरे व्यवस्थाआें काे भी बिगाड़ने की काेशिश की। अस्पताल में मेडिकल स्टाेर काे वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में खुलवाया गया था। हड़ताल कर रहे फार्मेसिस्टाें ने इस पर भी ताला जड़ दिया। सीएमएस ने इसे खुलवाने की काेशिश की लेकिन फार्मेसिस्टाें ने साफ कह दिया कि ताला नहीं खुलेगा। इस तानाशाही आैर जिला अस्पताल प्रशासन की लचर व्यवस्था पर मरीजाें आैर उनके तीमारदाराें का गुस्सा फूट पड़ा आैर उन्हाेंने सरकारी अस्पताल के मुख्य पर ही ताला जड़ दिया।
करीब दाे घंटे तक चला हाईवाेल्टेड ड्रामा
अस्पताल में करीब दाे घंटे तक हाईवाेल्टेज ड्रामा चला। अस्पताल पहुंचे मरीजाें ने अाेपीडी में खुद काे दिखाने के बाद दवाई के लिए पर्चियां लिखवा ली लेकिन इन्हें साफ कह दिया गया कि मेडिकल स्टाेर से किसी भी तरह की काेई दवा नहीं दी जाएगी। अस्पताल की प्रशासन की आेर से वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में मेडिकल स्टाेर खुलवाया गया ताे उस पर तानाशाही दिखाते हुए ताला जड़ दिया गया।
करीब दाे घंटे तक राेगी उनके साथ आए तीमारदार इधर-उधर धक्के खाते रहे लेकिन इन फार्मेसिस्टाें का दिल नहीं पसीजा। इन्हाेंने साफ कह दिया कि सरकार जब तक उनकी मांगे नहीं मान लेती तब तक वे हड़ताल नहीं खाेलने वाले। इस पर राेगियाें का गुस्सा फूटा आैर उन्हाेंने मुख्य गेट पर ताला जड़ते हुए सभी स्टाफ काे अंदर कर बंद कर दिया। अस्पताल में हंगामें आैर मुख्य गेट पर ताला जड़ दिए खबर मिलते ही जनकपुरी थाना पुलिस माैके पर पहुंची आैर किसी तरह लाेगाें काे समझा-बुझाकर शांत किया।
लाचार हाे गया अस्पताल प्रशासन
सीएमएस डा. आशा शर्मा इस पूरे प्रकरण में बेहद लाचार दिखाई दी। पूछने पर उन्हाेंने मीडियाकर्मियाें काे बताया कि उनकी आेर से अतिरिक्त मेडिकल स्टाेर की व्यवस्था की गई थी लेकिन क्या करें फार्मेसिस्टाें ने उसे बंद करा दिया। तीमारदाराें ने बताया कि जब उन्हाेंने अस्पताल में बदहाल व्यवस्थाआें पर सीएमएस से जवाब मांगा ताे वह भी चुपचाप अपनी कुर्सी छाेड़कर निकल ली।
तड़पती रही गर्भवती आैर घंटाें बंद रही एमरजेंसी सेवाएं भी
हड़ताल ने बुधवार काे बेहद बेरहम रूप ले लिया। अस्पताल में जिस समय हंगामा चल रहा था ताे मुख्य गेट बंद कर दिया गया। ईस दाैरान एम्बुलेंस एक गर्भवती काे लेकर आई लेकिन गेट बंद हाेने की वजह से एम्बुलेंस अंदर नहीं जा सकी आैर गर्भवती महिला एम्बुलेंस में ही तपड़ती रही। इतना ही नहीं बुधवार काे जिला अस्पताल की इमरजेंसी सेवाएं भी ठप रही। गंभीर राेगियाें तक काे उपचार नहीं मिल सका। इतना सब कुछ हाेने जाने के बाद हड़ताल कर रहे फार्मेसिस्टाें का यहीं कहना है कि सरकार उनकी मांगे नहीं मान रही।
अस्पताल गेट पर ताला जड़ धरने पर बैठ गए तीमारदार
जब तीमारदाराें काे लगा उनकी बात काेई नहीं सुनने वाला ताे वे राेगियाें काे लेकर जिला अस्पताल गेट के सामने ही धरना देकर बैठ गए। इन्हाेंने माैके पर जिलाधिकारी काे बुलाने की मांग की लेकिन पुलिस इन्हें समझाती रही। तीमारदार आैर राेगी करीब डेढ़ घंटे तक गेट पर बैठे रहे आैर जिलाधिकारी काे बुलाने की मांग करते रहे बाद में किसी तरह पुलिस ने इन्हें समझा बुझाकर शांत किया।