scriptसीएम के ‘डर’ से लगाए तीन व्याख्याता, अब एक ही दे रहा ड्यूटी | CM's 'fear' planted three lecturer, now offering the same duty | Patrika News

सीएम के ‘डर’ से लगाए तीन व्याख्याता, अब एक ही दे रहा ड्यूटी

locationनागौरPublished: Nov 19, 2015 01:56:00 am

व्याख्याताओं की कमी का खमियाजा भुगत रही माडीबाई मिर्धा राजकीय महिला
महाविद्यालय की छात्राओं को एक बार फिर निराशा हाथ लगी है। गत माह
मुख्यमंत्री

Nagaur news

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नागौर। व्याख्याताओं की कमी का खमियाजा भुगत रही माडीबाई मिर्धा राजकीय महिला महाविद्यालय की छात्राओं को एक बार फिर निराशा हाथ लगी है। गत माह मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नागौर दौरे के दौरान किसी प्रकार का विरोध प्रदर्शन नहीं हो, इसके लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने एड़ी-चोटी का जोर लगाकर तीन व्याख्याताओं की नियुक्ति करवा दी, लेकिन छात्राओं को मात्र एक व्याख्याता की सेवा मिल रही है। मुख्यमंत्री को वापस गए आज बीस दिन हो गए हैं, लेकिन किसी ने छात्राओं की सुध नहीं ली है।

जनप्रतिनिधियों की उदासीनता पर अब छात्राएं यह तक कह रही हैं कि मुख्यमंत्री का दौरा राजी-खुशी हो गया, उनके भविष्य की चिंता किसे है। गौरतलब है कि जिला मुख्यालय के महिला कॉलेज में अंग्रेजी, इतिहास व राजनीति विज्ञान के व्याख्याताओं के पद लम्बे समय से रिक्त होने के कारण छात्राओं की पढ़ाई चौपट हो रही थी। गत माह मुख्यमंत्री के नागौर आने का कार्यक्रम बना तो छात्राओं ने कॉलेज पर ताला लगा दिया तथा नागौर दौरे के दौरान विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी।

मुख्यमंत्री के सामने जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों की छवि खराब न हो जाए, इसलिए सब ने भाग-दौड़ कर अस्थाई तौर पर तीनों विषय के व्याख्याता लगवा दिए। छात्राओं ने आंदोलन को सफल मानते हुए कॉलेज में पटाखे छोड़कर खुशियां मना ली, लेकिन उन्हें धक्का तब लगा, जब एक व्याख्याता ने ज्वाइन ही नहीं किया और दूसरे ने एक बार ज्वॉइन करने के बाद दुबारा मुंह नहीं दिखाया। अब स्थिति यह है कि नव नियुक्ति अंग्रेजी के व्याख्याता कॉलेज में छात्राओं को पढ़ा रहे हैं।

पांच विषय, उनके भी व्याख्याता नहीं
यूं तो हर कोई बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने की बड़ी-बड़ी बातें करता है, लेकिन जिले की एकमात्र महिला कॉलेज में पर्याप्त भवन होने के बावजूद एक कला संकाय ही है। इसके भी मात्र पांच विषय हैं जिनके पूरे व्याख्याता नहीं होने से महिला कॉलेज सूना पड़ा रहता है। वर्तमान में महाविद्यालय में 370 छात्राएं अध्यनरत हैं, लेकिन यहां उप प्राचार्य, लाइब्रेरियन, पीटीआई के साथ राजनीति विज्ञान व इतिहास के व्याख्याता भी नहीं हैं। छात्राएं पिछले कई वर्षों से विज्ञान व वाणिज्य संकाय खोलने की मांग कर रही हैं, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा।

अब हम क्या करें
 मुख्यमंत्री के दौरे से पहले हमने प्रदर्शन किया तो विधायक व सांसद ने प्रयास कर तीन व्याख्याताओं की नियुक्ति करवा दी, लेकिन एक ने ज्वॉइन नहीं किया और एक गत 8 नवम्बर से कॉलेज नहीं आ रहे। अब हमारी स्थिति तो पहले जैसी हो गई है।
पूजा ईनाणियां, अध्यक्ष, छात्रसंघ, नागौर

स्टॉफ कमी से बढ़ी परेशानी
 महिला कॉलेज में स्टाफ की कमी के चलते शिक्षण कार्य एवं अन्य गतिविधियों के संचालन में परेशानी आती है। गत माह तीन व्याख्याता लगाने के आदेश हुए थे, लेकिन दो ने ही ज्वॉइन किया।- टीआर मीणा, प्राचार्य, महिला कॉलेज नागौर
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