नरसिंहपुर। प्रदेश शासन ने कुपोषित बच्चों का कुपोषण खत्म करने के लिए हर इंतजाम कर रखे हैं लेकिन बीच में आ रही बाधाओं के चलते यह अभियान सफल होता नजर नहीं आ रहा है। जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास केन्द्र में कुपोषित बच्चों के साथ उनकी माता या किसी और परिजन को भी रखा जाता है। इस दौरान अस्पताल में उनके लिए खाने की भी व्यवस्था रहती है। निर्धारित मापदंड के अनुसार माताओं को प्रसूताओं वाला खाना मिलना चाहिए लेकिन उनको सामान्य मरीजों वाला खाना अस्पताल में दिया जा रहा है।
एनआरसी में भर्ती माताओं को सामान्य मरीजों के साथ सुबह के समय चाय के बाद दोपहर एक बजे खाना दिया जाता है। इस दौरान भूख लगने पर महिलाएं बाहर से खाना खरीदकर खाती है। वहीं प्रसूताओं को नाश्ता आदि दिया जाता है। इससे परेशान महिलाएं बच्चों को फॉलोअप में लेकर फिर से आती ही नहीं है,जिसके चलते बच्चों का कुपोषण पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाता है। केन्द्र में भर्ती ऊषाबाई ने कहा कि घर में सुबह के समय खाना मिल जाता है लेकिन यहां पर केवल चाय मिलती है। इसके बाद दोपहर एक बजे खाना। इस बीच भूख लगने पर इधर-उधर से कुछ मंगाकर खाना पड़ता है।