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व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर हुआ दोज का पूजन

locationनरसिंहपुरPublished: Nov 02, 2016 07:03:00 am

Submitted by:

sanjay tiwari

बताया कागजी खाते बही का महत्व, व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर दोज की पूजन की वहीं लोगों ने अपने वाहनों को धोकर पूजा कर उन पर मालाएं डाल कर वाहन सजाए

Dooj pujan

Worship on businesses is dooj

गाडरवारा। दीपावली के उपरांत दोज के साथ ही पांच दिनों से जारी दीपोत्सव पर्व का समापन हो गया है। उक्तावसर पर सुबह से ही नगर समेत पूरे अंचल में दोज का उत्साह नजर आया। लोगों ने अपने व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर दोज की पूजन की वहीं लोगों ने अपने वाहनों को धोकर पूजा कर उन पर मालाएं डाल कर वाहन सजाए। दोज के अवसर पर लगभग सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों में दोज का पूजन किया गया। नगर के अनेक प्रतिष्ठित् व्यापारियों के यहां विधि विधान से दोज का पूजन किया गया। साथ ही कागज के खाते बही का पूजन कर उसमें इष्टदेव के नाम की पहली जमा प्रविष्ठी अंकित की गई।

यह पूछे जाने पर पर कि हाईटेक युग में कागज के खाते बही का क्या औचित्य है। इस पर नगर के अनेक व्यापारियों ने बताया कि न केवल व्यापारिक प्रतिष्ठानों बल्कि मंडी में भी किसानों के अनाज का लेनदेन व्यापारियों द्वारा खाते बही से ही किया जाता है। व्यापारियों ने बताया कि कागज के खाते बही कभी भी कहीं भी खोलकर देखे जा सकते हैं। भले ही कम्प्यूटर पर एक से एक एकाउंटिंग साफ्टवेयर मौजूद हैं। लेकिन कागजी दस्तावेज सबसे अधिक प्रमाणिक होते हैं। इन पर लेने, देने वाले के हस्ताक्षर या अंगूठे का निशान बहुत बड़ा प्रमाण होता है। 

जबकि कम्प्यूटर पर ऐसा करना असुविधाजनक तथा हर किसी के वश की बात नहीं है। व्यापारियों के ग्राहक भी ग्रामीण किसान होते हैं जो कागजी हिसाब किताब को ही सुविधाजनक मानते हैं। व्यापारिक कहावत है कि पहले लिख, बाद में दे, भूल पड़े तो कागज देख। अर्थात पुराने समय से व्यापारी यह सिखाते रहे हैं कि कोई भी लेनदेन करने के पहले लिख लेना चाहिए इसके बाद भी कोई चूक होती है, या हिसाब नहीं मिलता तो कागज अर्थात खाते बही में देखने से हिसाब मिल जाएगा।

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