नोएडा। 251 रुपये में स्मार्टफोन देने का दावा करने वाली कंपनी रिंगिंग बेल्स के खिलाफ सांसद द्वारा दर्ज करार्इ धोखाधड़ी की एफआर्इआर की जांच कोवताली फेज तीन से क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर की गर्इ है। एसपी क्राइम विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि मामले में जांच चल रही है। कंपनी अधिकारियों से जांच संबंधित सभी दस्तावेज लिए गये हैं।
भाजपा सांसद ने कंपनी के खिलाफ दर्ज करार्इ थी शिकायत
भाजपा सांसद ने रिंगिंग बेल्स कंपनी के अधिकारियों पर भ्रामक प्रचार कर प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के नाम का इस्तेमाल करके पैसा इकट्ठा करने का आरोप लगाया था। मोबाइल के प्रचार के लिए तिरंगे के इस्तेमाल पर भी आपत्ति जताई है। एफआईआर में किरीट सौमेय्या ने आरोप लगाया है कि बिना लाइसेंस के विज्ञापन देकर और बुकिंग के नाम पर जनता से करोड़ों रुपये उगाहे गए।
251 रुपए में संभव नहीं स्मार्टफोन
जबकि कंपनी का अभी—अभी रजिस्ट्रेशन हुआ है और डायरेक्टर्स के पास कई जरूरी रजिस्ट्रेशन तक नहीं है। सांसद ने एफआईआर में दावा किया था कि महज 251 रुपये में स्मार्टफोन उपलब्ध करवाना संभव ही नहीं है। लिहाजा इसके पीछे ठगी करके करोड़ों रुपये की उगाही कर कंपनी अधिकारियों की भागने की मंशा है। भाजपा सांसद ने कंपनी के बैंक खाते को फ्रीज करने की पुलिस अधिकारियों से मांग की थी। साथ ही निवेशकों का डेटा भी जुटाने की मांग की ताकि उन्हें उनका पैसा वापस दिलवाया जा सके।
धोखाधड़ी आैर साजिश की धाराआें में दर्ज किया गया था मुकदमा
सांसद किरीट सौमेया ने रिंगिंग बेल्स कंपनी के मालिक मोहित गोयल, अशोक चढ्डा समेत अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी आैर साजिश रचने के आरोप लगाते हुए शिकायत दी थी। इस पर पुलिस ने धोखाधड़ी समेत आर्इएक्ट की धाराआें में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु की थी। करोड़ों रुपये का मामला होने के चलते जांच को क्राइम ब्रांच को सौंपा गया है।