scriptनोटबंदी के दो महीने बाद अब और खराब होगी हालत | demonetisation two months, petrol pump will not accept debit or credit card | Patrika News

नोटबंदी के दो महीने बाद अब और खराब होगी हालत

locationनोएडाPublished: Jan 09, 2017 02:28:00 pm

Submitted by:

sharad asthana

पेट्रोल पंप पर नहीं चले कार्ड तो स्‍थिति होगी और विकट, एटीएम में नहीं है पैसा 

notebandi

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बुलंदशहर। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक तरफ देश को कैशलेस इंडिया बनाने की सोच रहे हैं, वहीं बैंक डेबिट और क्रेडिट कार्ड से पेट्रोल पम्पों पर टांजेक्शन चार्ज एक प्रतिशत फिर से लगाने जा रहे हैंं। इस बात से नाराज पेट्रोल पम्प के मालिकोंं ने डेबिट और क्रेडिट कार्ड स्वीकार करने से मना कर दिया है।
 
नोटबंदी के बाद कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कार्ड से पेट्रोल-डीजल की खरीद पर उपभोक्ताओं से वसूला जाने वाला मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) को खत्म कर दिया था, लेकिन नोटबंदी के 50 दिनों की अवधि खत्म होने के बाद बैंकों ने एमडीआर पेट्रोल पम्प मालिकों पर लगाने का फैसला किया है। बता देंं कि बैंकों ने पेट्रोल पम्पों पर एमडीआर लगाने की घोषण 13 फरवरी तक टाल दी है।

petrol pump
 
कैशलेस हैं जिले के एटीएम

बता देंं कि 8 नवम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नोटबंदी की घोषण के वक्त देश की जनता से 50 दिन का समय मांगा था, लेकिन 60 दिन बीत जाने के बाद भी एटीएम कैशलेस पड़े हैंं। एटीएम में पैसा नहींं है, वहीं रूरल एरिया के एटीएम में अभी तक पैसा नहींं पहुंचा, जिस वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
 
क्या कहती है जनता

गौरव, मेघराज और गजेन्द्र शर्मा की मानेंं तो नोटबंदी की घोषणा के बाद से जनता लाइनों में है। कभी पैसा बदलवाने के लिए, कभी जमा करने के लिए, कभी निकालने के लिए और कभी एटीएम की लाइन में। बुलंदशहर जैसे छोटे शहरों में हालात काफी खराब हैं। जिले में पेटीएम और स्वाइप मशीनों का इस्तेमाल बहुत ज्यादा नहीं है। दूध से लेकर सब्जी तक और रोजमर्रा के सामान से लेकर पेट्रोल पंप तक पर कैश को लेकर जूझना पड़ रहा है।
 
पेट्रोल पम्पों पर नहीं चलेगे डेबिट और क्रेडिट कार्ड

लोगों की मानेंं तो पहले नोटबंदी और कैशलेस भारत करने वाले पहले इस बात को साफ कर देंं कि कैशलेस इंडिया कैसे बनेगा, जब डेबिट और क्रेडिट कार्ड से ट्रांजेक्शन करने पर चार्ज देना पड़े। एटीएम कार्ड पर बैंक साल में 150 से 500 रुपये तक वसूलता है, अब कार्ड से सामान लेने पर भी टांजेक्शन चार्ज देना पड़ेगा तो कोई कार्ड से ही सामान क्यों खरीदेगा। कैशलेस इंडिया तब ही बन सकता है जब डेबिट और क्रेडिट कार्ड से टांजेक्शन चार्ज नहींं कटे।

क्या कहती है एसोसिएशन

पेट्रोल पम्प एसोसिएशन की मानेंं तो सरकार और पेट्रोल कम्पनियों की तरफ से उन्हें इतना कमीशन नहींं मिलता कि वे अपने सारे खर्चे काटकर बैंको को टांजेक्शन का चार्जे दे सकेंं। अगर बैंक टांजेक्शन चार्ज काटेंंगे तो वह डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड से पेमेंट नहीं लेंगे।
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