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नोएडा

महिला ने पेश की मिसाल, ब्रेन डेड पति के अंग दान कर छह लोगों को दी जिंदगी

ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पुलिस ने मिनटों में एक से दूसरे अस्पताल पहुंचाए अंग

नोएडाDec 04, 2016 / 01:21 pm

lokesh verma

green corridor

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नोएडा. दिल तो सभी के पास होता है। दिलदार भी बहुत होते हैं, लेकिन अपने पति को खाेने के बाद उसके अंगों को दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए दान करने का जज्बा हर किसी के पास नहीं होता। वो हिम्मत हर किसी के पास नहीं होती। एेसे मौकों पर अक्सर लोग टूटकर बिखर जाया करते हैं, लेकिन एक महिला ने एेसा नहीं किया। उन्होंने पति के मरने के बाद भी छह लोगों में उन्हें दोबारा जिंदा कर दिया है।

दरअसल मुबंर्इ के 40 वर्षीय इंजीनियर सतीश तावड़े आॅफिस के किसी काम से दिल्ली आए थे। यहां 2 दिसंबर की रात अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई। उन्हें नोएडा के सेक्टर-126 स्थित जेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां जांच के दौरान पता चला कि सतीश की सब-आर्कनोइड हेमरेज बीमारी से मृत्यु हो चुकी है। उसके बाद डॉक्टरों की टीम ने सुबह दो बार जांच की और मरीज को ब्रेन डेड घोषित कर दिया।

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मौत की खबर सुनकर टूटा परिवार, पत्नी ने दिखार्इ हिम्मत

सतीश के ब्रेन डेड के बाद मौत की सूचना मिलते ही परिवार के सभी लोग टूट गये, लेकिन सतीश की पत्नी ने जो हिम्मत दिखाई वह हैरान कर देने वाली थी। सतीश की पत्नी ने डॉक्टरों के सामने पति के अंगदान की बात रखी। इसके साथ ही सभी प्रक्रिया पूरी की। जेपी अस्पताल के वरिष्ठ लीवर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. अभिदीप चौधरी और वरिष्ठ किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. अमित देवरा के नेतृत्व में पूरा काम हुआ।

पति के अंगों से छह लोगों को दी जिंदगी

सतीश तावड़े की पत्नी ने पति की मौत के बाद भी 6 लोगों को नई जिंदगी दी है। पत्नी ने साहस दिखाते हुए सतीश तावड़े के हार्ट, दोनों किडनी, लीवर और दोनों कॉर्निया दान कर दीं। जिस वजह से कई घरों में खुशियां लौट आई हैं। अलग-अलग अस्पतालों में हार्ट, दोनों किडनी और लीवर का ट्रांसप्लांट किया गया है। वहीं जेपी अस्पताल प्रशासन ने अभी कॉर्निया को आई बैंक में प्रिजर्व किया है।

पुलिस ने भी किया सहयोग, ग्रीन काॅरिडोर बनाकर पहुंचाए अंग

सतीश तावड़े के अंगों को अलग-अलग अस्पताल में भेजने में देरी न हो। इसके लिए जेपी अस्पताल प्रबंधक ने पुलिस की मदद मांगी। नोएडा पुलिस अधिकारियों ने भी दिल्ली पुलिस के साथ समन्वय कर मिनटों में ग्रीन कॉरिडोर बना दिया। इसकी मदद से जेपी अस्पताल से फोर्टिस अस्पताल को एक किडनी और दिल्ली के मैक्स अस्पताल को हार्ट भेजा गया। वहीं लीवर और एक किडनी जेपी अस्पताल में ही मरीज को ट्रांसप्लांट हुई। लपवर फेलियर होने से पिछले कई वर्षों से परेशान जेपी अस्पताल में 39 वर्षीय शख्स को लीवर ट्रांसप्लांट किया गया है। वहीं 62 वर्षीय बुजुर्ग को किडनी दी गई है।
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