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ATM की लाइन में 5 बजे सुबह से खड़ा था बुजुर्ग किसान, हार्टअटैक से हुई मौत

locationनोएडाPublished: Dec 10, 2016 04:03:26 pm

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Patrika Desk

पॉकेट अठन्नी नहीं थी, लाखों का था कर्ज

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बागपत। कालेधन पर लगाम लगाने को लेकर नोटबंदी के फैसले का स्वागत जनता ने भले ही खुलेदिल से किया था लेकिन अब उसका उल्टा पड़ता जा रहा है। बागपत जिले के बड़ौत कोतवाली इलाके में इस नोटबंदी ने एक बुजुर्ग किसान की जान ले ली।
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दरअसल, शुक्रवार सुबह 5 बजे से ही एक बुजुर्ग किसान एटीएम की लाइन में पैसा निकालने के लिए लग गया। घंटों लाइन में खड़े रहने के कारण कि‍सान की हार्टअटैक से मौत हो गई। लाइन में लगने पर बुजुर्ग की तबियत खराब होने लगी तभी परिवार वालों ने बुजुर्ग को स्‍थानीय अस्पताल में भर्ती कराया। जहां पहुंचते-पहुंचते देर हो चुकी थी।

बता दें कि 55 वर्षीय मृतक कि‍सान का नाम सलेख है। इस घटना पर उनके बेटे ने बताया कि‍ उन पर कई लाख रुपए गन्ना सोसायटी का लोन है। जिसे चुकाने के लिए उन्हें पैसे की जरूरत थी। इसीलिए पैसे निकालने के लिए बुजुर्ग किसान शुक्रवार की सुबह 5 बजे से ही लाइन में लग गए थे। तभी उसे हार्टअटैक आ गया। इस दौरान उनकी मौत हो गई।
वेस्ट यूपी में यहां हुई लोगों की मौत

आंकड़ों की बात करें तो वेस्ट यूपी के खुर्जा, मेरठ और बुलंदशहर में नोटबंदी की वजह से चार लोगों की मौत सामने आई है। एक मौत खुर्जा के हॉस्पिटल में हुई थी। जहां पर एक युवक अपनी प्रेग्रेंट वाइफ को लेकर आया था। हॉस्पिटल में फीस के तौर पर हॉस्पिटल ने 500 और 1000 रुपए के नोट लेने से इनकार कर दिया। जब तक युवक रुपए का इंतजाम कर पाता तब तक उसका वो बच्चा मर गया।
वहीं दूसरा मामला बुलंदशहर का सामने आया था। बीएसएफ सिपाही के पुत्र को मेले में जाना था। कुछ दिन बैंक में चक्कर लगाने के बाद रुपए नहीं मिले तो उसने अपने मां से रुपयों की डिमांड की। मां से भी रुपए नहीं मिले तो उसने सुसाइड कर लिया। इसी तरह मेरठ में बैंक से बीमार बेटे के लिए पैसा न मिल पाने के कारण किठौर कस्बे में पीएचसी के चौकीदार इस्लाम (40) की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। मेरठ शहर के थाना लिसाड़ी गेट क्षेत्र के किदवई निवासी अजीज अंसारी की नोट बदलने के लिए लाइन लगे होने की वजह से दिल का दौरा पड़ गया। जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई।

परिजनों में जगी आस

इस बीच बीते बुधवार को सीएम अखिलेश की ओर से दो-दो लाख रुपए देने की घोषणा करने के बाद नोटबंदी की वजह से मारे गए लोगों के परिजनों में आस जग गई है। जानकारों की मानें तो आम जनता को पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले से काफी उम्मीदें थी। उन्हें तकलीफें झेलने के बाद भी यकीन था जल्द ही सभी समस्याएं हल हो जाएंगी। 30 दिन गुजर जाने के बाद भी आम जनता की तकलीफों में कोई कमी नहीं आई है।
अब लोगों में लगातार गुस्सा और आक्रोश बढ़ता जा रहा हैै। वहीं अखिलेश की ओर से की गई घोषणा के बाद लोगों के काफी पॉजिटिव रिएक्शन आने लगे हैं। आपको बता दें के पीएम मोदी ने देश की आम जनता से 50 दिन का समय मांगा था। जिनमें से 32 दिन पूरे हो चुके हैं। लेकिन बाकी बचे 18 दिनों में सभी समस्याएं खत्म हो जाएंगी, ऐसा नहीं लग रहा है।
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