आईएएस संतोष कुमार मल्ल को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में सम्मानित किया
नोएडा: केंद्रीय विद्यालय संगठन के आयुक्त संतोष कुमार मल्ल को ‘सिल्वर एलिफैंट अवॉर्ड’ से नवाजा गया है, जो भारत में स्काउट और गाइड आंदोलन का सर्वोच्च सम्मान है। मल्ल को यह पुरस्कार सोमवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने प्रदान किया। संतोष कुमार मल्ल (आई.ए.एस.) स्काउट और गाइड आंदोलन के साथ केंद्रीय विद्यालय संगठन राज्य के मुख्य आयुक्त के रूप से भी जुड़े हुए हैं।
डीएम और कमिश्रर के पद पर रहे तैनात
1997 बैच के आई.ए.एस. संतोष कुमार मल्ल आईआईटी कानपुर से मेकेनिकल इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएट हैं। अपने कार्यकाल के दौरान मल्ल बिहार में जहानाबाद, सिवान, भागलपुर, दरभंगा और मुजफ्फरपुर के डीएम रहे। साथ ही सारण के कमिशनर भी रहे हैं। उनके नेतृत्व में केंद्रीय विद्यालय संगठन में स्काउट और गाइड गतिविधियों में गुणात्मक और मात्रात्मक वृद्धि हो रही है। केंद्रीय विद्यालय संगठन के अधिकारियों को स्काउट एवं गाइड के क्षेत्र में प्रशिक्षित करने में उनकी भूमिका अत्यंत सराहनीय है।
आखिर क्यों मिला सम्मान?
केंद्रीय विद्यालय संगठन के स्काउट और गाइड्स ने चेन्नई के बाढ़ पीडि़तों के राहत और पुनर्वास के लिए संसाधन जुटाने में सक्रिय भागीदारी निभाई थी। मल्ल के नेतृत्व में केंद्रीय विद्यालय संगठन में युवाओं को स्काउटिंग/गाइडिंग में ट्रेनिंग करने के लिए आधारभूत ढांचे को विकसित करने में बेहतरीन प्रोत्साहन मिला है। मल्ल द्वारा संगठन को आगे बढ़ाने में काफी बड़ा योगदान रहा है। इसी योगदान को देखते हुए उन्हें इस सम्मान से नवाजा जा रहा है।
क्या है अवॉर्ड
सिल्वर एलिफेंट अवार्ड भारत स्काउट एवं गाइड का सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान है और आंदोलन में असाधारण सेवा देने पर प्रदान किया जाता है। अवार्ड एक रजत हाथी के रूप में होता है, जिसमें नीली, हरी और लाल तीन रंगों की पट्टियां होती हैं। यह तीन रंग स्काउट एवं गाइड आंदोलन के तीन खंडों को दर्शाते हैं।