अमित शर्मा, नई दिल्ली/नोएडा। अपने विरोधियों को ठिकाने लगाने के लिए उन्हें सेक्स कांड में फंसाना और उनकी सीडी जारी करना राजनीति में नया खेल नहीं है। इसके पहले भी कई नेताओं की सेक्स सीडी इसी तरह चर्चा का केंद्र बन चुकी है। आश्चर्य की बात यह है कि सबसे ज्यादा सेक्स सीडी उस भाजपा के नेताओं की ही सामने आई है। जो हमेशा शुचिता और संस्कार की बात करती है। अब इसे विरोधियों की साजिश कहें या कुछ और…। संघ-भाजपा के दिग्गज नेता संजय जोशी का इसी तरह की एक सीडी सामने आने के बाद करियर खत्म सा हो गया है।
क्या ये सेक्स सीडी वरुण गांधी को भी फंसाने की है चाल
भाजपा नेता वरुण गांधी की कथित सेक्स सीडी भी उनको रास्ते से हटाने की एक चाल हो सकती है। दरअसल वरुण गांधी बार-बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर अपनी दावेदारी ठोंकते रहे हैं। इसके लिए केंद्रीय स्तर पर लॉबिंग के आलावा वे यूपी में तेजी से प्रचार भी करने लगे थे। हाल ही में इलाहाबाद में हुए पार्टी की शीर्ष बैठक से पहले भी वे तेजी से प्रचार कर रहे थे। उनके समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री घोषित किए जाने की लगातार मांग करते रहे हैं। कथित तौर पर इससे नाराज अन्य दावेदारों ने इसके खिलाफ केंद्रीय नेताओं से शिकायत भी की जिसके बाद वरुण गांधी को केवल अपने संसदीय क्षेत्र में ही प्रचार तक सीमित रहने को कहा गया।
कहा जा रहा है कि वरुण की तेज राजनीतिक चाल कुछ नेताओं को पसन्द नहीं आई, जिसके कारण उन्हें रास्ते से हटाने के लिए सेक्स सीडी का जाल रचा गया। अब इसमें कितनी सच्चाई है ये जांच के बाद ही साफ हो पाएगी। हालांकि वरुण गांधी ने एक पत्र जारी कर यह कहा है कि वे बिलकुल निर्दोष हैं और किसी तरह की सीडी से उनका कोई संबंध नहीं है। उन्होंने यहां तक कह दिया है कि अगर रक्षा मामले की दलाली से या सेक्स सीडी से एक फीसदी भी उनका संबंध साबित होता है तो वे राजनीति से संन्यास ले लेंगे।
आइए एक डालते हैं कुछ ऐसे ही सेक्स काण्ड पर जिसने खूब सुर्खियां बटोरी…
संजय जोशी सेक्स सीडी कांड
संजय जोशी भारतीय जनता पार्टी में संघ की आवाज के रूप में देखे जाते थे। वे अपने राजनीतिक करियर के सबसे ऊंचे शिखर पर थे। जब उनके बारे में एक सीडी सामने आई। 2004 में भाजपा के मुम्बई के राष्ट्रीय अधिवेशन के कुछ ही दिन पहले आई इस सीडी में एक व्यक्ति एक महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाते हुए दिख रहा था। कथित रूप से यह माना गया कि सीडी में संजय जोशी ही थे।
सीडी के सामने आने के बाद राजनीतिक तूफान मच गया। संजय जोशी को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया। बाद में उन्हें भाजपा से भी निष्कासित कर दिया गया।
नितिन गडकरी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद उन्हीं की पहल पर संजय जोशी को पार्टी में वापस लाया गया। उन्हें 2007 के उत्तर प्रदेश के चुनाव में पार्टी का प्रभारी भी बनाया गया लेकिन उसके अगले साल दुबारा जब मुम्बई में राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया गया। तब नरेंद्र मोदी ने अधिवेशन में आने से इनकार कर दिया। कथित रूप से उन्होंने पार्टी के सामने यह शर्त रख दी थी कि अगर संजय जोशी पार्टी में रहते हैं तो वे अधिवेशन में नहीं आएंगे। उस समय तक नरेंद्र मोदी का प्रभाव इस कदर बढ़ चुका था कि पार्टी मोदी की नाराजगी नहीं उठा सकी। अंततः संजय जोशी को पहले अधिवेशन में आने से रोक गया, बाद में उन्हें दुबारा पार्टी से निकाल दिया गया।
संजय जोशी की इस सीडी के बारे में कहा जाता है कि यह नरेंद्र मोदी के ही इशारे पर ही तैयार करवाया गया था क्योंकि संजय जोशी और नरेंद्र मोदी लगभग एक ही कद के नेता थे और दोनों ही संघ से भाजपा में आए थे। कथित रूप से नरेंद्र मोदी के गुजरात के सीएम बनने के बाद उन्हें अपने पद और राजनीतिक भविष्य को संजय जोशी से ही खतरा था। इसलिए कहा जाता है कि यह सीडी बनवाकर उन्होंने अपने विरोधी को ठिकाने लगा दिया। हालांकि यह सिर्फ एक कयासबाजी ही है और इस तरह का कोई सबूत अभी तक सामने नहीं आया है जिसमें सीडी के पीछे नरेंद्र मोदी का हाथ आया हो।
मध्य प्रदेश भाजपा में अनेक सीडी सामने आई, पार्टी हुई शर्मसार
उत्तर प्रदेश के बाद जिस सीडी के कारण भाजपा को सबसे ज्यादा शर्मिंदगी उठानी पड़ी। वह मध्य प्रदेश में बनी थी। शहला मसूद हत्याकांड इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। दरअसल शहला मसूद एक आरटीआई कार्यकर्ता थी। कथित रूप से उसके भाजपा के एक ध्रुव नारायण सिंह से संबंध थे। लेकिन उसकी विधायक से यह नजदीकी एक अन्य महिला जाहिदा परवेज को पसन्द नहीं थे क्योंकि कथित रूप से शहला मसूद से पहले वह खुद विधायक से करीबी संबंध रखती थी।
16 अगस्त 2011 की सुबह जब वह अपने कार्यालय से निकल रही थी। उसी समय जाहिदा के भेजे भाड़े के हत्यारों ने शहला को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। इस हत्याकांड के खुलासे के समय पुलिस को कथित रूप से एक सीडी मिली थी, जो आपत्तिजनक थी। हालांकि यह सीडी कभी जनता के बीच नहीं आ सकी। इसके आलावा मन्दसौर के एक भाजपा के जिला अध्यक्ष पर भी इसी तरह एक सीडी में फंसने के कारण हटा दिया गया था।
हिमाचल भाजपा के नेता पर लगा सेक्स रैकेट चलाने का आरोप
भाजपा के मजबूत गढ़ माने जाने वाले हिमाचल प्रदेश में भी एक भाजपा नेता पर सेक्स रैकेट चलने का आरोप लगा था। वहां के प्रमुख मीडिया सलाहकार राजेन्द्र राणा पर यह आरोप लगे थे कि शिमला के एक होटल में वह सेक्स रैकेट का संचालन करता था। इस मामले की एक सीडी भी सामने आई जिसमे कथित समय पर राणा उस होटल में मौजूद था। राणा ने भी कभी होटल में होने से इनकार नहीं किया।
राणा के अनुसार वह किसी से मिलने के लिए उस वक्त होटल में गया हुआ था। जब यह सीडी बनाई गयी थी, लेकिन उसे किसी तरह के सेक्स रैकेट की बात मालूम नहीं थी। हालांकि इसके बावजूद राणा को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया था।