नोएडा. रक्षा बंधन का त्यौहार भार्इ-बहनों के लिए सबसे अहम पर्व होता है। इस त्यौहार का इंतजार बहनें सालभर करती हैं, ताकि वे भार्इ की कलार्इ पर रक्षा सूत्र बांधकर उनकी लंबी उम्र आैर सुरक्षा की कामना कर सकें। बता दें कि प्रत्येक वर्ष रक्षा बंधन का त्यौहार सावन की पूर्णिमा के दिन आता है।
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इस साल भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षा बंधन का त्यौहार सावन के आखिरी सोमवार 7 अगस्त को है, लेकिन इस बार यह शुभता नहीं, बल्कि अपने साथ ग्रहण का काला साया लेकर आ रहा है। सिर्फ कुछ देर के शुभ समय में ही बहनों को अपने भाई की कलाई पर राखी बांधनी होगी।
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इस शुभ मुहूर्त में ही भार्इ को बांधे राखी पंडित आेमकार जोशी ने बताया कि रक्षा बंधन के त्यौहार पर पूर्णिमा तिथि का आरम्भ 6 अगस्त 2017 को हो जाएगा। परन्तु भद्रा व्याप्ति रहेगी। इसलिए शास्त्रानुसार यह त्यौहार 7 अगस्त को 11:05 से 1:15 या, दोपहर 01:47 से 16:27 तक मनाया जा सकता है। पंडित जी बताते हैं कि सामान्यत: उत्तर भारत जिसमें पंजाब, दिल्ली, हरियाणा आदि में प्रात: काल में ही राखी बांधने का शुभ कार्य किया जाता है। परम्परानुसार अगर किसी व्यक्ति को परिस्थितिवश भद्रा-काल में ही रक्षा बंधन का कार्य करना हो तो भद्रा मुख को छोड़कर भद्रा-पुच्छ काल में रक्षा – बंधन का कार्य करना शुभ रहता है।
ठंडे फर्श पर कराहता रहा तेज बुखार से पीड़ित मासूम, डाॅक्टर ने कहा पर्ची कटने बाद ही होगा इलाज इस योग में भार्इ को नहीं बांधनी चाहिए राखी पंडित जी बताते है कि भद्रा योग और सूतक में राखी नहीं बांधनी चाहिए। चंद्र ग्रहण के प्रभाव के चलते मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे। इस दौरान पूजा-पाठ नहीं होगा। जब सूतक आरंभ हो जाता है तो केवल मंत्रों का जाप किया जा सकता है। इस दौरान किसी भी तरह का शुभ काम नहीं होता।