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सरकारी अस्पताल के गेट पर चिपका बिमारी का नोटिस तो भड़के लोग, जानिए क्यों?

locationनोएडाPublished: Sep 22, 2016 04:43:00 pm

Submitted by:

Rajkumar

प्लेटलेटस 40 हजार हो गर्इ है तो अस्पताल में नहीं हो पाएंगे भर्ती

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नोएडा। अगर आपको तेज बुखार है आैर शहर के जिला अस्पताल में भर्ती होने जा रहे हैं तो इससे पहले अस्पताल के बाहर शर्तें लिखी इस लिस्ट को पढ़ लें। अगर इन शर्तों के अनुसार आपकों बुखार में उल्टी नहीं हो रही है। या फिर आपकी प्लेटलेटस 40 हजार हो गर्इ है। तो आपको अस्पताल में भर्ती नहीं किया जाएगा। शर्तों के ये नोटिस किसी क्लर्क ने नहीं बल्कि अस्पताल के सीएमएस के आदेश पर आेपीडी से लेकर इमरजेंसी गेट तक चिपका दिया गया है।

3000 से ज्यादा आेपीडी में पहुंचे रहे मरीज

दरअसल इन दिनों चल रहे वायरल, डेंगू आैर चिकनगुनिया के मरीजों अस्पताल के बेड भर चुके हैं। वहीं आेपीडी में भी हर रोज बुखार के तीन से साढ़े तीन हजार तक मरीज पहुंचे रहे हैं। एेसे में डाॅक्टरों की जान आफत में आ गर्इ है। साथ ही आेपीडी की लाइन लंबी होने के चलते अव्यवस्था शुरू हो गर्इ है। वहीं घंटों लाइन में अपने नंबर आने का इंतजार करने वाले मरीज भी कर्इ बार आपस में भीड़ रहे हैं।


100 बेड के अस्पताल में 300 मरीज भर्ती

सेक्टर-30 स्थित भीमराव मल्टीस्पेशलीटी अस्पताल में बेडों की संख्या के हिसाब से 100 मरीजों की भर्ती करने की व्यवस्था थी। लेकिन इस समय करीब 300 डेंगू, चिकनगुनिया आैर वायरल बुखार के मरीज अस्पताल में भर्ती हैं। इसके लिए अस्पताल में 200 अतिरिक्त बेड का इंतजाम किया गया है। अस्पताल के गेट से लेकर गैलरी आैर हाॅल में भी बेड लगाए गए हैं। जिन पर मरीजों को लिटाया गया है। साथ ही एनजीआे की मदद से आैर बेड की व्यवस्था की जा रही है।

मरीजों के परिजनों को आ रहा गुस्सा

अस्पताल के बाहर से लेकर आेपीडी में ​चिपका दिए गए, भर्ती करने की शर्तों को देखकर लोगों में काफी गुस्सा है। अपने बिमार भार्इ, बहन, मां या पत्नी को लेकर आने वाले लोग अस्पताल के डाॅक्टरों से खासे नाराज हैं। सभी लोग कह रहे हैं कि अगर सरकारी अस्पताल में भी एेसी शर्ते लगा दी जाएगी। तो वह अपने परिवार के बिमार सदस्यों को लेकर कहां जाएंगे।

जिला अस्पताल के सीएमएस डाॅ एनएम माथुर ने कहा कि जिस मरीज की हालत गंभीर है या उसे देखने पर भर्ती करने की आवश्यकता पड़ने पर उन्हें एडमिट किया जा रहा है। लेकिन बेड खाली न होने की समस्या भी सामने आ रही है। इसी को देखते हुए भी एक मरीज की हालत में सुधार आने पर दूसरे पेशेंट को लिया जा रहा है। इसके साथ ही एेसे बुखार में क्या करें आैर क्या न करें। इसको लेकर भी डाॅक्टर मरीजों को समझा रहे हैं।
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