ग्रेटर नोएडा। शिक्षामित्रों के समायोजन रद्द होने के बाद में अब स्टूडेंट्स के लिए परेशानी खड़ी हो गई है। सूत्रों की माने तो अभी तक सरकारी स्कूल शिक्षामित्र के सहारे ही चलते थे। वजह यह भी है कि यूपी के सरकारी स्कूलों में टीचरोंं की बेहद कमी थी। अब शिक्षामित्रों का समायोजन खत्म होने के बाद में और समस्या खड़ी हो गई है।
यूपी में इस साल बनाए गए थे शिक्षामित्र
यूपी में 1999 सेे शिक्षामित्रों की भर्ती का सिलसिला शुरू हुआ था। उस समय सरकारी स्कूलों में टीचरों की बेहद कमी थी। राज्य सरकार ने टीचरों की कमी को देखते हुए शिक्षामित्रों की भर्ती की थी। लेेकिन 2017 में समायोजन सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया। समायोजन रद्द होने के बाद में गौतमबुद्धनगर के शिक्षामित्र अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
आदर्श वेलफेयर एसोसिएशन उत्तरप्रदेश के जिलाध्यक्ष रविंद्र नागर ने बताया कि जिले में 600 शिक्षामित्रों का समायोजन हुआ था, जबकि 100 शिक्षामित्रों का समायोजन और होना था, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद में 600 शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द हो गया है। वहीं धूममानिकपुर स्थित सरकारी स्कूल की प्रधान अध्यापक सविता शर्मा ने बताया कि शिक्षामित्र की कमी की वजह से पढाइ्र में दिक्कत आ रही है।