डॉक्टरों ने दिया नया जीवन दान, कैंसर से हर साल 70 लाख लोगों की मौत होती है
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नोएडा। पिछले 40 साल से तंबाकू का सेवन करने वाले रमेश चंद (60) को नोएडा के सेक्टर 62 स्थित फोर्टिस अस्पताल ने नया जीवनदान दिया है। दरअसल, रमेश चंद को गर्दन व गले के कैंसर था, जिसका बेहद ही जटिल परिस्थिति में डाॅक्टरों ने इलाज किया। अस्पताल मे जांच में मरीज को डिस्फेगिया से पीड़ित रोगी बताया गया।
क्या है डिस्फेगिया
जानकारी के लिए बता दें कि डिस्फेगिया वह परिस्थिति होती है, जिसमें रोगी को गले से कुछ भी निगलना मुश्किल हो जाता है। यहां तक कि वह पानी भी नहीं पी सकता। फोर्टिस अस्पताल के आॅन्कोलॉजी के सीनियर कंसलटेंट डॉ. विकास गोस्वामी और रेडिएशन आॅन्कोलॉजी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. गगनसैनी के नेतृत्व में कैंसर पीड़ित रमेश का सफल इलाज किया गया। सिर और गर्दन के कैंसर से पीड़ित रमेष चंद को पिछले साल जनवरी में फोर्टिस अस्पताल वैलेक्यूलाबायोप्सी के लिए लाया गया था।
क्या है वैलेक्यूलाबायोप्सी
बता दे कि वैलेक्यूलर एक दबाव होता है, जो जीभ की जड़ के पिछले हिस्से में गले के दो फोल्ड के बीच होता है। यह ऐसी स्थिति तब होती है जब कोई ठोस या तरल पदार्थ निगलने में दिक्कत हो और मुंह के जरिए पेट तक कोई पदार्थ नहीं पहुंच पाता। इसमें संवेदना पूरी तरह समाप्त हो जाती है। रमेश की कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी सफल रही। फिलहाल रमेश अब पूरी तरह से स्वस्थ है।
तंबाकू सेवन पर डब्ल्यूएचओ के आंकड़े
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक तंबाकू के सेवन से हर साल 70 लाख लोग की मौत होती है। इसमें से 60 लाख से ज्यादा ऐसे व्यक्ति होते हैं, जो तंबाकू का सेवन करते हैं। जबकि 8,90,000 लोग ऐसे होते हैं, जो खुद तंबाकू का सेवन नहीं करते लेकिन तंबाकू के धुएं व अन्य प्रकार के स्मोक के जरिए होता है।