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जोखिम था पर पाक को करारा जवाब जरूरी (कमर आगा)

Published: Oct 01, 2016 04:24:00 pm

भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में जो सर्जिकल स्ट्राइक किया है उसकी रणनीति पिछले कई दिनों से बनाई जा रही थी

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पठानकोट और उरी में आतंकी हमले के बाद जनता की भावना बन गई थी कि पाकिस्तान पर कार्रवाई की जाए और विपक्ष का दबाव भी सरकार पर था। ऐसी स्थिति में सभी चाहते थे कि पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ जैसे अभियान को अंजाम देना राजनीतिक जरूरत भी बन गई थी। भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में जो सर्जिकल स्ट्राइक किया है उसकी रणनीति पिछले कई दिनों से बनाई जा रही थी।

सर्जिकल स्ट्राइक में कई संस्थाएं शामिल होती हैं। इसकी टाइमिंग बहुत महत्वपूर्ण होती है। इसमें खुफिया एजेंसियों के इनपुट से आर्मी स्ट्राइक करती है। इसमें कई लोगों की टीम होती है। हाईटैक सर्विलांस की मदद ली जाती है। सैटेलाइट को सीमा पर फोकस रखा जाता है। ऐसे अभियान बहुत खतरनाक और जोखिम भरे होते हैं। लेकिन ये जरूरी भी था। इससे पाकिस्तान को जवाब मिला कि अब हम चुप नहीं बैठेंगे। सर्जिकल स्ट्राइक में बैकअप रखकर चलना पड़ता है।

ओसामा बिन लादेन का खात्मा सर्जिकल स्ट्राइक का ही उदाहरण था लेकिन उसमें भी अमरीका का एक हेलीकॉप्टर नष्ट हो गया था। कुछ ही देश सर्जिकल स्ट्राइक में सक्षम हंै। इससे पहले भारत ने म्यांमार में भी सर्जिकल स्ट्राइक को सफलतापूर्वक अंजाम दिया था। लेकिन म्यांमार और पाकिस्तान की परिस्थितियां अलग-अलग हैं। म्यांमार के सर्जिकल स्ट्राइक में निश्चय ही उसकी सहमति रही थी लेकिन पाकिस्तान हमेशा से ही भारत को दुश्मन की दृष्टि से देखता रहा है। ऐसी स्थिति में वहां ऐसे अभियान खासे मुश्किल होते हैं।

पाकिस्तान एक विफल राष्ट्र है। वहां सेना ही एकमात्र संस्था है जो अहम फैसले लेती है। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान इस बात को स्वीकार नहीं करेगा कि सर्जिकल स्ट्राइक हुआ है। स्वीकार करने पर पाकिस्तान की सेना की भी वहां साख खराब हो जाएगी। वहां की जनता का सेना के प्रति अभी भरोसा बना हुआ है।

म्यांमार के सर्जिकल स्ट्राइक की तरह हो सकता है कि कुछ समय बाद भारत ही अभियान के सबूत जारी कर दे या न भी करे तो भी। ऐसे अभियानों को आज के युग में छिपाना मुश्किल होता है। कोई दूसरा देश सैटेलाइट चित्र जारी कर दे। ऐसी स्थिति में पाक सेना के लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी। पाकिस्तान इस समय सेना पर ही टिका हुआ है और जिस दिन वहां की सेना बिखर गई तो पाक का हाल भी इराक और लीबिया जैसा होते समय नहीं लगेगा। वहां चारों तरफ आतंक फैला हुआ है और सैन्य अभियान चल रहा है। पाक सेना का ध्यान भारत पर लगा रहता है। ऐसी स्थिति में पाकिस्तानी सेना के लिए अपनी साख बचाए रखना चुनौती से कम नहीं है।
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