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चोरी और सीनाजोरी!

पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले भारतीयों के लिए ऐसी कड़ी सजा का प्रावधान करें जिससे फिर कोई वैसी हिमाकत ही नहीं कर सके।

Oct 27, 2016 / 11:46 pm

शंकर शर्मा

opinion news

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इसे कहते हैं उल्टा चोर कोतवाल को डांटे या फिर चोरी और सीनाजोरी। दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग का एक कर्मचारी दो भारतीयों से रक्षा सम्बंधी दस्तावेज लेते पकड़ा गया लेकिन जब पुलिस और विदेश मंत्रालय ने उस पर एक्शन किया तो पाकिस्तान उल्टे भारत पर माहौल बिगाडऩे का आरोप लगा रहा है।

यह पहली बार नहीं है। इससे पहले भी पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारी और कर्मचारी अनेकों बार जासूसी कराने के आरोप में रंगे हाथों पकड़े जा चुके हैं लेकिन हर बार विएना कन्वेंशन के तहत राजनयिकों को मिले सुरक्षा कवच की आड़ में बच गए। सजा इतनी ही मिली कि भारत छोडऩा पड़ा पर इससे ना उनको सीख मिली न पाकिस्तान सुधरा। सीख तो कोई तब ले जब सुधरना चाहे। जब वह जान-बूझकर यह सब कर रहा है तब वही करता है जो अब कर रहा है।

हो सकता है कि अगले दो-तीन दिनों में वह पाकिस्तान स्थित भारतीय दूतावास के एक-दो कर्मचारियों को ऐसे ही आरोप में निकाल दे। और ज्यादा प्रतिक्रिया दिखाए तो भारतीय उच्चायुक्त को वापस भेज दे क्योंकि उससे समझदारी की तो उम्मीद करना ही बेकार है। वैसे भी उसके पास न समझदार सलाहकार हैं और ना ही समझदार दोस्त।

चीन जैसे उसके दोस्त… नहीं उसके आका जरूर उसके साथ हैं जो आग में पानी नहीं घी डालते हैं। पिछले कुछ दिनों का घटनाक्रम देखें तो यही लगता है कि, जैसे दोनों मिलकर भारत के खिलाफ रणनीति बनाते हैं और फिर एक-एक कर उस पर अमल करते हैं। सार्क एवं ब्रिक्स के सम्मेलनों से लेकर उरी के आतंकी हमले और अमरीकी राजदूत की तवांग यात्रा पर चीन की ओर से दी गई उग्र प्रतिक्रिया इसके उदाहरण है। खैर वे तो वैसा ही करेंगे।

उनसे सुधरने की उम्मीद करना बेकार है लेकिन हमें जरूर सावधान रहना चाहिए। सीमा हो या घर, हम अपने आपको मजबूत करें। पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले भारतीयों के लिए ऐसी कड़ी सजा का प्रावधान करें जिससे फिर कोई वैसी हिमाकत ही नहीं कर सके। हो सके तो भारत को उचित अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तानी राजनयिकों द्वारा जासूसी के मामलों का एक डोजियर भी बांटना चाहिए और विएना कन्वेंशन से मिलने वाले सुरक्षा कवच को ऐसे देशों के राजनयिकों से दूर करना चाहिए। जब तक उन्हें सजा नहीं मिलेगी, वे सुधरने वाले नहीं। भारत छोडऩे के लिए कहना तो वैसे भी कोई सजा नहीं है।

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