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ऊंचे लोग

Published: Aug 28, 2015 09:49:00 pm

पुराने जमाने में बड़ा उस आदमी को माना जाता था जिसकी नैतिकता
व सोच का स्तर बड़ा हो। आजकल इसके उलट है

Sheena Bora murder case

Sheena Bora murder case

बहन बेटी शब्द सुनते ही किसी के भी मन में वात्सल्य और प्रेम के भाव उभरते हैं और नेत्रों के सामने कुछ ऎसे स्नेहिल मुखड़े घूम जाते हैं जिन्हें याद करते ही मन प्रफुल्लित हो जाता है। लेकिन यह सारी बातें मध्य और निम्न वर्ग तक सीमित हैं। हाई प्रोफाइल लोगों की कथा बड़ी विचित्र होती है। करीब पचास साल के मीडिया-मुगल ने एक तीस वष्ाीüय सुन्दरी से विवाह किया। हंसते मुस्कराते फोटो छपे। अचानक एक दिन खबर आती है कि पुलिस ने उस सुन्दरी को अपनी बहन के मर्डर के आरोप में धर लिया है। पूछताछ में पता चलता है कि मृतक सुन्दरी की बहन नहीं बेटी थी। तभी अचानक एक युवक सामने आता है और कहता है कि वह भी उसी सुन्दरी का बेटा है जिसे अभी तक वह “भाई” बता रही थी। परतें खुलती हैं कि इस मोहतरमा ने मीडिया-मुगल से ब्याह रचाने से पहले अनेक शादियां की थीं जिनसे इसके कई बच्चे हैं।कथित “बहन और बेटी” की हत्या में दूसरे पति का भी हाथ था जिससे वह कभी का तलाक ले चुकी थी। मजे की बात यह कि देश दुनिया के लिए खबरिया चैनल चलाने वाला माफिया अब बयान दे रहा है कि पन्द्रह बरस से उसके साथ रह रही उसकी बीवी ने पहले कितने ब्याह किए हैंं इसका उन्हें पता ही नहीं। उलझ गए न आप। यह रामायण सुनते-सुनते चकरघिन्नी हो गए। अब हत्या क्यों की गई, इसका खुलासा होना बाकी है। एक मोटी-सी बात जो सामने आ रही है वह यह कि वह कथित सुन्दरी की बेटी अपनी मां के तीसरे पति के पुत्र से प्रेम कर बैठी।

तौबा-तौबा। ऎसे प्रेम से तौबा। ऎसे रिश्तों से तौबा। ऎसे धन से तौबा। ऎसे ख्यालों से तौबा। अब आप ऎसी ऊंची सोसायटी को क्या कहेंगे जहां धन और मद के आगे बेचारी नैतिकता झाड़ू पोंछा मारने वाली बाई की तरह कराहती है। समझ नहीं आता कि छोटी-छोटी बातों के लिए “सोशल मॉरल पुलिसिंग” करने वाले ठेकेदार के ऎसे रिश्तों पर अपनी जुबान क्यूं नहीं खोलते। ये लोग एक स्कूटर पर जा रहे एक युवक-युवती को पकड़ कर हड़का देते हैं और टीवी के कैमरों के आगे अपनी बड़ाइयां मारते हैं लेकिन इन मामलों में चिड़ी चुप हो जाते हैं।

हमारा समाज भी अजब-गजब है। यहां मान लिया गया है कि “बड़े करें सो लीला और छोटे करें सो पाप”। पुराने जमाने में बड़ा उस आदमी को माना जाता था जिसकी नैतिकता और सोच का स्तर बड़ा हो। आजकल इसके ठीक उलट है। इसीलिए आधे सावन में ही अकस्मात बरसात बंद हो गई। बहरहाल अभी तो ट्रेलर चल रहा है। पिक्चर तो अभी बहुत लंबी है। आपकी तरह हम भी दिल थाम कर इस मामले में नए-नए खुलासों का इंतजार कर रहे हैं। वैसे यह बता दें कि अब तक मुम्बइया फिल्म वाले इस कथानक पर नई फिल्म प्लान कर चुके होंगे।
राही

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