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सुशील-योगेश्वर के कोच सहित पांच को द्रोणाचार्य अवार्ड

Published: Aug 25, 2015 02:29:00 pm

सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त को तैयार करने वाले कोच अनूप सिंह सहित पांच प्रशिक्षकों को इस वर्ष के द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा

dronacharya award

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नई दिल्ली। ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त को तैयार करने वाले कोच अनूप सिंह सहित पांच प्रशिक्षकों को इस वर्ष के द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। कुश्ती कोच अनूप ङ्क्षसह के अलावा पैरालंपिक कोच नवल ङ्क्षसह ,हरबंस ङ्क्षसह (एथलेटिक्स), स्वतंत्र राज ङ्क्षसह (मुक्केबाजी) और निहार अमीन(तैराकी) को अपने अपने खेलों में एथलीटों को तैयार करने और उनके अभूतपूर्ण योगदान के लिये द्रोणाचार्य अवार्ड के लिये चुना गया है।

खेल मंत्रालय ने मंगलवार को इसकी पुष्टि की। केंद्रीय खेल मंत्रालय ने समिति की सिफारिशों और जांच पड़ताल के बाद अनूप और नवल के नाम पर उनके वर्ष 2011 से 2014 के बीच प्रदर्शन को ध्यान में रखकर सहमति दी है जबकि निहार, स्वतंत्र ङ्क्षसह और हरबंस के नामों को लाइफटाइम कैटेगरी के तहत उनके पिछले 20 वर्षों में इन खेलों में योगदान के लिये द्रोणाचार्य अवार्ड के लिये चुना गया है।

द्रोणाचार्य पुरस्कार 1985 से ऐसे जानेमाने प्रशिक्षकों (कोच) को दिया जाता है, जिन्होंने सफलतापूर्वक खिलाड़यिों या टीमों को प्रशिक्षित किया, जिसकी वजह से उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में बेहतरीन सफलता हासिल की। तीन बार के राष्ट्रीय चैंपियन और अंतरराष्ट्रीय पहलवान अनूप ने देश के शीर्ष पहलवान और ओलंपिक पदक विजेता सुशील, योगेश्वर तथा अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में देश को कई पदक दिला चुके सत्यव्रत कादियान, बजरंग और अमित दहिया को प्रशिक्षित किया है।

इसके अलावा उन्होंने अन्य 58 पहलवानों को अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों के लिये तैयार किया है। द्रोणाचार्य अवार्ड के अलावा इस वर्ष ध्यानचंद पुरस्कारों के लिये रोमियो जेम्स (हॉकी) , शिव प्रकाश मिश्रा (टेनिस), टी.पी.पी. नायर(वॉलीबॉल) को चुना गया है। वर्ष 2002 में शुरू किए गए ध्यान चंद पुरस्कार, खेल-कूद में लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए दिया जाता है। यह पुरस्कार ऐसे खिलाड़यिों को दिया जाता है, जिन्होंने अपने प्रदर्शन से खेल के क्षेत्र में योगदान दिया और खेल जीवन से सन्यास लेने के बाद भी खेल-कूद को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं।
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