ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले दिव्यांग एथलीट कर रहा है मजदूरी
Published: Feb 11, 2016 06:32:00 pm
लखनऊ के अलीगंज के रहने वाले 30 साल के हामिद ने अक्टूबर 2007 में चीन के
शंघाई में हुए स्पेशल ओलंपिक वर्ल्ड समर गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व
किया था
लखनऊ। हमारे लिए बड़े शर्म की बात की शंघाई स्पेशल ओलंपिक में हमारे देश का नाम रोशन करना एक दिव्यांग एथलीट इन दिनों आर्थिक तंगी के चलते मजदूरी करने को मजबूर है।
लखनऊ के अलीगंज के रहने वाले 30 साल के हामिद ने अक्टूबर 2007 में चीन के शंघाई में हुए स्पेशल ओलंपिक वर्ल्ड समर गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व किया था और 4 गुणा 100 मीटर रिले दौड़ में स्वर्ण पदक जीता था। उस समय हामिद ने पूरी दुनिया के सामने भारत का सिर गर्व से उंचा किया था। लेकिन अफसोस यह है कि इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करने के बाद पर दर-दर भटक रहा है।
हामिद की मां हदीकुन्निसा ने बताया कि जब शंघाई ओलपिंक में हामिद गोल्ड मेडल जीतकर घर आया तब प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने उसे अपने आवास पर चाय पार्टी में बुलाया था और उसे नौकरी और नकद इनाम देने का वादा किया था, लेकिन अफसोस सीएम का वादा आज तक पूरा नही हुआ।
हामिद की मां ने बताया कि उनके पति गुजरे काफी समय हो गया। बुढ़ापे के कारण वह अब अपने परिवार की गाड़ी नहीं घसीट सकती हैं लिहाजा दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए हामिद मजदूरी करने को मजबूर है। हामिद की यह हालत दिव्यांग एथलीटों के प्रति सरकारी तंत्र की बेरुखी की तरफ इशारा करती है।
हामिद के साथ शंघाई गए उसके कोच एजाज ने बताया कि वह उन स्पेशल ओलंपिक की पांच स्पर्धाओं में हिस्सा लेने वाला भारत का एकमात्र एथलीट था। उन्होंने बताया कि हामिद की मां उसे मंदबुद्धि बच्चों के लिए काम करने वाले चेतना संस्थान में लेकर आईं थीं और यहीं पर उसने अपनी खेल प्रतिभा को निखारना शुरू किया था। एजाज ने कहा कि हामिद वर्ष 2003 से उनके साथ जुड़ा है।
बता दें कि हामिद ने नवम्बर 2009 में मुंबई में आयोजित राष्ट्रीय हैण्डबॉल प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान, नवम्बर 2015 में रिले रेस और उंची कूद स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल किया था। इसके अलावा वह साल 2006 में बरेली में आयोजित स्टेट एथलेटिक्स मीट में भी हिस्सा ले चुका है। वह पिछले साल लॉस एंजिलिस में हुए वर्ल्ड स्पेशल समर गेम्स के संभावितों में भी चुना गया था।
स्थानीय स्तर पर हामिद के प्रतियोगिताओं में पदक जीतने के तो अनगिनत किस्से हैं। वह एथलेटिक्स में निपुण होने के साथ-साथ चित्रकला, नृत्य, गिटार वादन, बास्केटबाल, वालीबाल, बैडमिंटन, बाधा दौड़ और बोच्ची जैसे खेलों में भी माहिर है।