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बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ की ब्रांड एंबेसडर बनीं साक्षी, मिले 2.5 करोड़

Published: Aug 24, 2016 03:49:00 pm

रियो ओलंपिक 2016 में अपने देश को पहला मेडल दिलाने वाली पहलवान साक्षी मलिक भारत लौटी, जोरदार हुआ स्वागत

sakshi malik

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नई दिल्ली। भारत को रियो ओलंपिक खेलों का पहला पदक दिलवाने वाली महिला पहलवान और कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक बुधवार को स्वदेश लौट आईं जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया। वहीं हरियाणा सरकार ने महिला खिलाड़ी को नगद पुरस्कार देने के साथ ही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का ब्रांड एम्बेसेडर नियुक्त किया है।




साक्षी जब इंदिरा गांधी हवाईअड्डे पर पहुंची तो वहां बड़ी संख्या में मौजूद लोगों ने उनका फूल मालाएं पहनाकर जमकर स्वागत किया। साक्षी ने यहां पत्रकारों से कह कि पूरे हिंदुस्तान ने मेरा साथ दिया और जिस तरह का स्वागत मेरा हुआ है, मैं उसे देखकर हैरान हूं और बहुत ही खुश हूं। मैं सभी की आभारी हूं। इसके बाद बहादुरगढ़ में साक्षी के सम्मान में एक खास कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने महिला पहलवान को ढाई करोड़ रुपए का चेक वितरित किया।




ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली महिला पहलवान बनीं साक्षी ने कहा कि मैंने ओलंपिक और उसमें पदक जीतने का सपना देखा था, लेकिन कभी नहीं सोचा था कि मैं ध्वजवाहक बनूंगी। मेरा वह सपना भी सच हो गया। मेरे लिए यह बड़े सम्मान की बात है। साक्षी को समापन समारोह में ध्वजवाहक बनाया गया था। साक्षी को उनकी इस उपलब्धि के लिए राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिये भी चुना गया है। उन्हें 29 अगस्त को राष्ट्रपति भवन में अन्य खिलाडिय़ों के साथ सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मैं खेल रत्न मिलने को लेकर बहुत खुश हूं।




साक्षी ने कार्यक्रम के दौरान हरियाणा के अन्य पहलवानों की भी प्रशंसा की। उन्होंने गीता फोगाट, सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त को उनकी सफलता में योगदान देने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि गीता ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली महिला पहलवान थीं और उन्होंने मुझे बहुत प्रेरित किया। उन्होंने मेरे अंदर उम्मीद जगाई कि मैं भी ओलंपिक जा सकती हूं। उन्होंने भी मेरी जीत में भूमिका निभाई है। वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि देश की बेटियों ने इतना अच्छा प्रदर्शन किया। हमारी दो बेटियों साक्षी मलिक और पीवी सिंधु ने देश को गौरवांवित किया। उन्होंने कहा कि एक बार फिर हरियाणा के खिलाडिय़ों ने देश और राज्य का सिर गर्व से उंचा किया है। खट्टर ने कहा कि हमने उन्हें हरियाणा सरकार में क्लास दो की नौकरी की पेशकश की है। उसने कहा कि वह इसके बारे में सोचेगी और फिर फैसला करेगी।




इस दौरान राज्य सरकार के खेल मंत्री अनिल विज भी साक्षी के साथ मौजूद थे। विज भी रियो ओलंपिक से लौटे हैं। इसके अलावा कई अन्य मंत्री और बड़े अधिकारी भी मौजूद थे। इसी दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री ने साक्षी को राज्य में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का ब्रांड एम्बेसेडर भी नियुक्त किया। उन्होंने कहा कि साक्षी राज्य में इस अभियान का चेहरा होंगी। साक्षी ने महिलाओं के 58 किग्रा भार वर्ग कुश्ती में रेपचेज राउंड में कांस्य पदक जीता था जो रियो ओलंपिक खेलों में भारत को मिला पहला पदक था। इसके बाद बैडमिंटन में पीवी सिंधु ने रजत पदक जीता और 118 सदस्यीय भारतीय दिल मात्र इन दो महिलाओं के पदक के साथ ही स्वदेश लौट सका।

मंच से भूले थे सिंधु का नाम
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भाषण के दौरान पीवी सिंधु का नाम भूलने और उनके राज्य का नाम गलत बताने की बात मान ली है। अपनी सफाई में उन्होंने कहा कि वह खेल कम देखते हैं, इसलिए उनसे ऐसी गलती हुई। दरअसल, साक्षी मलिक के सम्मान समारोह में भाषण देते हुए वो पहले पीवी सिंधु का नाम भूल गए, जिसके बाद खट्टर ने मंच पर सिंधु का पूरा नाम पूछा, यही नहीं उन्होंने सिंधु को कर्नाटक का बता दिया।


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