न्यूजीलैंड को लगातार दबाव में रखते हुए आठवीं विश्व वरीयता प्राप्त भारतीय टीम मैच के 10वें मिनट में पहला पेनाल्टी हासिल करने में सफल रही, लेकिन इस पेनाल्टी पर शॉट गोलपोस्ट से दूर रहा। तीन मिनट बाद ही बिरेंद्र लाकड़ा ने रमनदीप सिंह को सटीक पास दिया और रमनदीप ने बिना चुके इसे गोल में तब्दील कर दिया।
पहले क्वार्टर में 1-0 की बढ़त हासिल करने के बाद भारतीय टीम दूसरे क्वार्टर में भी आक्रामकता के साथ खेलती रही। धरमवीर सिंह इस बीच न्यूजीलैंड के डिफेंस को पीछे छोड़ते हुए गोलपोस्ट के काफी क रीब पहुंचने में सफल रहे, लेकिन उनका शॉट गोलकीपर ब्लकै स्टिक्स ने शानदार अंदाज में रोक लिया।
किवी टीम ने इसके साथ तेज पलटवार भी किया, लेकिन वे सफल नहीं रहे। मैच के 23वें मिनट में न्यूजीलैंड को पेनाल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन भारतीय स्टार गोलकीपर पी. आर. श्रीजेश ने खूबसूरती से इसे बचा लिया और भारतीय टीम मध्यांतर तक 1-0 की बढ़त बनाए रखने में सफल रही।
मध्यांतर के बाद मैच के 33वें मिनट में गुरजिंदर सिंह के पास भारत की बढ़त को दोगुना करने का बेहतरीन मौका था, लेकिन उनका शॉट गोलपोस्ट से काफी दूर रहा। न्यूजीलैंड ने तेज पलटवार किया और फिर से पेनाल्टी कॉर्नर हासिल कर लिया, लेकिन श्रीजेश एकबार फिर उनके सामने दीवार बनकर खड़े हो गए।
तीसरे क्वार्टर में न्यूजीलैंड बराबरी करने के लिए बेचैन दिखा और मैच के 45वें मिनट में रसेल ने अंतत: पेनाल्टी कॉर्नर पर गोल कर स्कोर 1-1 से बराबर कर लिया।
मैच के आखिरी क्वार्टर में दोनों टीमों के बीच अब बढ़त लेने की होड़ मची रही। भारतीय टीम को उसके आक्रामक रूख का 52वें मिनट में फायदा मिला और मनप्रीत सिंह के शानदार पास पर ललित ने भारत का दूसरा गोल दाग दिया।
मैच के आखिरी मिनट में थिमैया ने बेहद फुर्ती दिखाते हुए न्यूजीलैंड की डिफेंस को पीछे छोड़ते हुए गोलपोस्ट तक पहुंच गए और भारत के लिए तीसरा निर्णायक गोल दाग दिया। अब भारतीय टीम नौ अक्टूबर को क्राइस्टचर्च में न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरा मैच खेलेगी। भारतीय टीम मंगलवार को हुआ पहला मैच 0-2 से हार गई थी।