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योगेश्वर से स्वर्णिम विदाई की उम्मीद

Published: Aug 20, 2016 04:56:00 pm

महिला पहलवान साक्षी मलिक के
कांस्य पदक की खुशी और नरङ्क्षसह यादव पर लगे चार साल के प्रतिबंध के गहरे
दुख के बीच अब सबकी निगाहें लंदन ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता योगेश्वर
दत्त पर लगी हैं।

Yogeshwar Dutt

Yogeshwar Dutt

रियो डि जनेरियो। योगेश्वर रियो ओलंपिक के आखिरी दिन रविवार को भारत को स्वर्णिम विदाई देने के इरादे से फ्रीस्टाइल कुश्ती के ६५ किग्रा भार वर्ग में उतरेंगे।

पदक की आखिरी उम्मीद हैं योगेश्वर
भारत को रियो ओलंपिक में अब तक दो महिला खिलाडिय़ों पहलवान साक्षी मलिक के कांस्य और बैडङ्क्षमटन खिलाड़ी पीवी ङ्क्षसधु के रजत की बदौलत दो पदक हासिल हुए हैं। भारत के पास अब पदक की आखिरी उम्मीद पहलवान योगेश्वर दत्त बचे हैं। योगेश्वर ने रियो ओलंपिक जाने से पहले कहा था कि वह इन खेलों से स्वर्णिम विदाई लेना चाहते हैं।

योगेश्वर का पदक सुधारेगा तालिका में स्थिति
योगेश्वर ने पिछे लंदन ओलंपिक में रेपचेज में उतरने के बाद कांस्य पदक जीता था। यदि वह उम्मीदों पर खरे उतरते हैं तो देश को रियो ओलंपिक में तीसरा पदक दिला देंगे, जिससे लंदन के छह पदकों की आधी संख्या और बीङ्क्षजग के तीन पदकों की बराबरी हो जाएगी। भारत यदि तीसरा पदक हासिल कर लेता है तो पदक तालिका में उसकी स्थिति में कुछ सुधार हो जाएगा। योगेश्वर यदि स्वर्ण पदक जीत लेते हैं तो भारत की पदक तालिका में स्थिति कुछ अच्छी नजर आएगी।

८ पहलवानों में आया है अभी एक पदक
भारत ने रियो में आठ पहलवानों का दल उतारा, जिनमें साक्षी मलिक ने सबको चौंकाते हुये कांस्य पदक हासिल कर लिया। लेकिन एक बड़ी उम्मीद नरङ्क्षसह यादव को विश्व डोङ्क्षपग रोधी एजेंसी (वाडा) की अपील पर खेल पंचाट के चार साल के प्रतिबंध का सामना करना पड़ा, जो देश के लिए इन खेलों में सबसे बड़ा झटका रहा। योगेश्वर पर भारी जिम्मेदारी है कि वह देश को इस झटके से उबारें और खेलों के अंतिम दिन पदक की खुशी प्रदान करें।

कर लेंगे सुशील की बराबरी
योगेश्वर ने ओलंपिक के लिए क्वालिफाइंग टूर्नामेंट एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर ओलंपिक कोटा हासिल किया था। योगेश्वर यदि यह कारनामा कर दिखाते हैं तो वह ओलंपिक में दो पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन जाएंगे। अभी तक यह उपलब्धि सिर्फ सुशील के नाम है, जिन्होंने बीङ्क्षजग में कांस्य और लंदन में रजत पदक जीता था। ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद अब पूरे देश की निगाहें योगेश्वर दत्त पर टिक गई हैं कि वह रियो ओलंपिक में भारत को स्वर्णिम विदाई दिला पाते हैं या नहीं।

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