इस रेस में भारतीय साइकलिस्ट ने मलेशिया की शीर्ष खिलाड़ी फारिना शवाती को पीछे छोड़ा। हालांकि वे किरीन स्पर्द्धा में महज कुछ अंतर से स्वर्ण पदक से चूक गई। वे फोटो फिनिश में दूसरे नम्बर पर रहीं और देबोराह को रजत पदक से संतोष करना पड़ा। इसके अलावा 500 मी. टाइम ट्रायल स्पर्द्धा में भी रजत पदक जीता। अब देबोराह की नजरें ट्रैक एशिया कप पर हैं जो कि 18 से 20 नवम्बर तक नई दिल्ली में होना है।
मुश्किलों से निकल कर जीता जहां
देबोराह मूल रूप से अंडमान निकोबार द्वीप समूह से हैं, जहां वर्ष 2004 में आई सुनामी से उनका परिवार तबाह हो गया था। उनके परिवार ने उस त्रासदी में अपना सबकुछ गंवा दिया, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आज भारत की शीर्ष महिला साइकलिस्ट बन गई हैं। देबोराह ने जूनियर नेशनल में स्वर्ण पदक जीत इस खेल में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। इसके बाद सीनियर नेशनल में भी अपना दबदबा कायम किया। नई दिल्ली में हुई ट्रैक एशिया कप साइक्लिंग में 4 स्वर्ण पदक जीतकर देबोराह ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम फहराया।
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