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मोदी से मिले बाक, भारत 2024 ओलंपिक की मेजबानी का दावा नहीं करेगा

Published: Apr 28, 2015 12:42:00 am

बाक और मोदी के बीच सोमवार को हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि भारत 2024-ओलंपिक की मेजबानी का दावा नहीं करेगा

Modi-Thomas Bach

Modi-Thomas Bach

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक स्तर पर भारत को खेल के क्षेत्र में और बड़ी शक्ति के रूप में उभारने के लिए सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) से मदद की मांग की। मोदी ने भारत दौरे पर आए आईओसी अध्यक्ष थॉमस बाक से मुलाकात में यह बात रखी। बैठक के बाद जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार मोदी ने भारत में विभिन्न खेलों से जुड़ी आधारभूत संरचनाओं के विकास, खेल तकनीक तथा खेल से जुड़ी चीजों के भारत में निर्माण के लिए भी आईओसी से समर्थन की गुजारिश की।

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक परिषद (आइओसी) के अध्यक्ष थॉमस बाख और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच सोमवार को हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि भारत 2024-ओलंपिक की मेजबानी का दावा नहीं करेगा। प्रधानमंत्री निवास में मोदी से मुलाकात करने के बाद बाख ने संवाददाताओं से कहा, “हम ओलंपिक मेजबानी को लेकर आ रही खबरों से वाकिफ हैं। हमें इस पर थोड़ा आpर्य भी हुआ, क्योंकि इस पर बात करना बहुत जल्दी होगा। हमें अच्छा लगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमसे अपने विचार साझा किए। मोदी ओलंपिक मेजबानी पर गंभीरता से सोच रहे हैं, लेकिन सरकार के विशेषज्ञों और सिविल सोसाइटी से राय लेने के बाद ऎसा महसूस हुआ कि 15 सितंबर तक ओलंपिक की मेजबानी का सफलतापूर्वक दावा करना थोड़ा मुश्किल होगा। हम भविष्य में ओलंपिक मेजबानी को लेकर आपस में संपर्क में रहेंगे।

2024 ओलंपिक के लिए फिलहाल हम दोनों का एक ही मत है।” मालूम हो कि केंद्र सरकार 2024 ओलंपिक के लिए मेजबानी का दावा करना चाहती थी, क्योंकि भारत ने कभी ओलंपिक खेलों की मेजबानी नहीं की है। भारत सरकार के खेल सचिव अजीत मोहन शरण और भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) के अध्यक्ष एन. रामचंद्रन पिछले माह आइओसी के अधिकारियों से मिलने लुसाने गए थे। इसके बाद केंद्र सरकार की तरफ से ओलंपिक मेजबानी को लेकर रूचि दिखाई गई थी। बाख ने कहा कि आइओसी अध्यक्ष के तौर पर पहली बार भारत जैसे बेहतरीन देश में आने पर खुशी हुई।

आइओए का निलंबन पिछले साल ही खत्म हुआ है और मुझे भारतीय खेल के भविष्य को बेहतर बनाने पर बातचीत का मौका मिला। आइओए को अभी भी अपने कदमों पर खड़ा होना है। बाख ने कहा कि सोमवार को भारत सरकार, आइओए और आइओसी के बीच समझौता किया गया। तीनों पक्ष मिलकर भारत को खेलों की महाशक्ति बनाने का प्रयास करेंगे। आइओसी भारत को सभी जरूरी मदद देगा। भारत में अंतरर्राष्ट्रीय स्तर के कोच, आधारभूत ढांचा बनाने में मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि मोदी देश में खेलों को बढ़ावा देना चाहते हैं। वह खेलों की उपयोगिता समझते हैं। हमने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारतीय खिलाडियों के प्रदर्शन पर भी चर्चा की।

दोनों ने अपनी बैठक में माना कि बढ़ रहे गृह युद्ध, आतंकवाद और तमाम समस्याओं से निपटने का खेल एक मजबूत माध्यम साबित हो सकता है। मोदी ने कहा, “किसी भी देश या समाज के लिए खेल बहुत जरूरी है। यह समाज को एक सूत्र में बांधने का कार्य करता है।” मोदी ने कहा कि भारत विश्व का सबसे युवा देश है और इस लिहाज से यहां खेलों के विकास की आपार संभावनाएं मौजूद हैं। प्रधानमंत्री ने नेपाल में आए भयानक भूकंप के बाद भारत द्वारा की जा रही मदद की भी चर्चा की।
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