मोनिका जैन के हत्यारे सामने आए
जयपुरPublished: Oct 27, 2015 01:58:00 pm
उदयपुर. सास-ससुर व जेठ ने किया कोर्ट में समर्पण, अदालत ने तीनों को जेल भेजा
बहुचर्चित मोनिका जैन हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी खारिज होने पर आरोपित सास-ससुर व जेठ ने अदालत में आत्म समर्पण किया। न्यायालय ने तीनों को जेल भेज दिया। वर्ष 2003 में भीण्डर निवासी मोनिका जैन की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। उसके भाई ने पति मनीष धर्मावत, ससुर श्रीपाल पुत्र भंवरलाल धर्मावत, सास विमला देवी धर्मावत व जेठ महेश धर्मावत के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज करवाया था। गिरफ्तारी से बचने के लिए सास-ससुर व जेठ ने हाईकोर्ट में याचिका पेश की। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद तीनों के विरुद्ध दहेज हत्या के तहत धारा 304-बी में अधीनस्थ न्यायालय को प्रसंज्ञान लेने के आदेश दिए। आरोपितों ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की। न्यायालय ने एसएलपी खारिज करते हुए हाईकोर्ट के आदेश को यथावत रखा। सास, ससुर व जेठ को सर्वोच्च न्यायालय से भी राहत नहीं मिलने पर तीनों आरोपियों ने सोमवार को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम-2 की अदालत में आत्म समर्पण किया, जहां तीनों को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए।
यह है मामला : भीण्डर निवासी नीरज जैन ने महिला थाने में रिपोर्ट दी कि उसकी बहन मोनिका का विवाह 6 जून 2003 को भीण्डर हाल सर्वऋतु विलास निवासी मनीष धर्मावत के साथ हुआ था। शादी के बाद आरोपित उसे दहेज व दस लाख रुपए की मांग करते हुए शारीरिक व मानसिक यातनाएं देने लगे थे।