नरसिंह यादव ने कहा है कि अगर खेल पंचाट द्वारा उन पर लगाए गए चार साल के प्रतिबंध की समीक्षा नहीं की गई तो उनका करियर खत्म हो जाएगा
नई दिल्ली। नरसिंह यादव ने कहा है कि अगर खेल पंचाट द्वारा उन पर लगाए गए चार साल के प्रतिबंध की समीक्षा नहीं की गई तो उनका करियर खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा है कि भारत को उनके मामले को गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि देश ने 74 किग्रा वर्ग में ओलंपिक पदक गंवा दिया है।
देश की ख्याति पर दाग
नरसिंह ने कहा है कि मेरा करियर खत्म हो जाएगा, अगर मेरे प्रतिबंध की समीक्षा नहीं की गई तो मेरे लिए सब कुछ खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे सिर्फ मेरी ही छवि नहीं खराब की गई है बल्कि यह प्रतिबंध पूरे देश की ख्याति पर दाग है। अगर मेरे प्रतिबंध की समीक्षा नहीं की गई तो एक निर्दोष व्यक्ति पूरी जिंदगी के लिए दागी बन जाएगा। इस 27 वर्षीय पहलवान ने कहा है कि अगर उसे भाग लेने दिया जाता तो वह निश्चित रूप से रियो खेलों में देश को पदक दिलाता। उन्होंने कहा कि भारत ने निश्चित रूप से 74 किग्रा वर्ग में पदक गंवा दिया क्योंकि जिन दो पहलवानों ने रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीते हैं, उनमें से एक तुर्की के सोनेर देमिरतास को मैंने पिछले साल लास वेगास में विश्व चैम्पियनशिप के दौरान हराया था।
सोनीपत पुलिस पर संशय
नरसिंह ने कहा है कि, मुझे पता चला है कि भारत के कुछ लोगों ने वाडा से कहा कि मुझे राजनीतिक दबाव में क्लीन चिट दी गई और मेरे मामले की समीक्षा की जानी चाहिए। जब मेरे लोग ही मेरे खिलाफ साजिश कर रहे हैं तो मेरे लिए खुद को निर्दोष साबित करना और मुश्किल हो जाएगा। नरसिंह ने सोनीपत की पुलिस के रवैये पर सवाल पर कहा है कि मैं सचमुच संशय में हूं कि सोनीपत की पुलिस इस मामले की जांच कर रही है या नहीं। शिकायत के बावजूद उन्होंने इस मामले में आगे कोई तफ्तीश नहीं की है। इसलिये मैं इस मामले की सीबीआई जांच का आग्रह कर रहा हूं, अगर जरूरत पड़ी तो मैं प्रधानमंत्री से भी मिलूंगा और उनसे मदद का अनुरोध करूंगा।