पैरालम्पिक समिति निलंबित, खेल मंत्रालय ने जारी किया नोटिस
Published: Apr 17, 2015 07:18:00 pm
अंतर्राष्ट्रीय पैरालम्पिक समिति (आईपीसी) ने भारतीय पैरालम्पिक समिति (पीसीआई) को
अनिश्चित काल के लिए निलंबित किया
नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय पैरालम्पिक समिति (आईपीसी) ने भारतीय पैरालम्पिक समिति (पीसीआई) को अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया है। आईपीसी ने यह फैसला पीसीआई में लंबे समय से चल रही गुटबाजी और इससे जुड़े विवादों को देखते हुए लिया है।
खेल मंत्रालय ने भेजा कारण बताओ नोटिस
जांच के बाद खेल मंत्रालय ने भी शुक्रवार को पीसीआई को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) से पूछा है कि क्यों नहीं उसकी मान्यता खत्म की जाए। पिछले महीने गाजियाबाद में राष्ट्रीय पैरा-एथलेटिक्स चैम्पियनशिप्स के दौरान पैरा-एथलीटों के प्रति लापरवाही बरतने और उदासीनता दिखाने के बाद खेल मंत्रालय ने यह नोटिस जारी किया है।
दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें ऎसा फैसला लेना पड़ा: आईपीसी
आईपीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जेवियर गोंजालेज ने 15 अप्रैल को एक पत्र लिखकर पीसीआई अध्यक्ष राजेश तोमर को बताया कि भारत की पैरालम्पिक समिति को निलंबित करने का फैसला लिया गया है। इस पत्र को शुक्रवार को सार्वजनिक किया गया। आईपीसी ने अपने पत्र में लिखा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें ऎसा फैसला लेना पड़ा। पीसीआई में पिछले कई साल से चल रहे व्यक्तिगत टकराव के कारण कलह जैसी स्थिति रही है। हमने हमेशा अपने सदस्यों को मदद करने की कोशिश की। ऎसा लगता है कि भारत में कई अनसुलझे विवाद अब भी जारी हैं और यह देश में पैरालम्पिक खेलों को बढ़ावा देने में बाधक है।
आईपीसी ने निलंबन का उद्देश्य किया साफ
आईपीसी ने अपने पत्र में साफ किया है कि पीसीआई का निलंबन तब तक जारी रहेगा जब तक यह साबित नहीं होता कि समिति के सभी पक्ष भारत में पैरा-एथलेटिक्स के सतत विकास के लिए एक साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं। इस निलंबन का सीधा मतलब यह है कि भारतीय पैरा-एथलीट अब आईपीसी द्वारा अनुमोदित किसी भी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। इसमें रियो डी जनेरियो में अगले साल होने वाले पैरालम्पिक खेल भी शामिल हैं।
दूसरी ओर, खेल मंत्रालय ने भी 20 से 22 मार्च के बीच आयोजित किए गए 15वें राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप्स में खराब व्यवस्था को लेकर पीसीआई को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उल्लेखनीय है कि मीडिया में आई खबरों के बाद भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) द्वारा मामले की जांच कराई गई थी। इसके बाद खेल मंत्रालय को सौंपी गई रिपोर्ट में बताया गया कि आयोजन स्थल पर पैरा-एथलीटों के लिए आधारभूत सुविधाएं भी मौजूद नहीं थी। रिपोर्ट के अनुसार बिस्तर कम होने के कारण कई खिलाडियों को जमीन पर रात बितानी पड़ी। यहां तक की पीने का पानी और शौचालय की उचित व्यवस्था भी नहीं थी। पीसीआई को नवंबर-2011 में एनएसएफ के तौर पर मान्यता दी गई थी।